RANCHI: दिव्यांगों के लिए रांची के बैंकों में घुसना भी आसान नहीं है। किसी तरह बैंकों की चौखट तक पहुंचने के बाद इनका सामना ऊंची-ऊंची सीढि़यों, ताला व जंजीर लगी ग्रिल और भारी भीड़ से हो रहा है। पेंशन, कैश ट्रांसजेक्शन, पासबुक अपडेट, चेकबुक सहित तमाम तरह के कामों के लिए आए दिन बैंक पहुंच रहे दिव्यांगों को सुविधा तो नसीब नहीं हो रही है, वहीं उन्हें कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है।

ख्भ् से अधिक बैंक फ‌र्स्ट फ्लोर पर

रांची में स्थित दो दर्जन से अधिक बैंक फ‌र्स्ट फ्लोर पर हैं। लेकिन, यहां दिव्यांगों के लिए न रैंप की व्यवस्था है न व्हील चेयर की। वहीं इन्हें अटेंड करने वाले स्टाफ भी नजर नहीं आएंगे। ऐसे में भीड़ के बीच दिव्यांगों का दम फूल रहा है।

सिर्फ एसबीआई रिम्स में रैंप

रिम्स स्थित एसबीआई ब्रांच को छोड़कर दिव्यांगों के लिए कहीं भी रैंप नहीं बनाया गया है। व्हील चेयर, बैठने के लिए अलग से कोई व्यवस्था भी नहीं है। उनके लिए अलग से कोई काउंटर भी नहीं है।

बैंककर्मी भी मानते हैं सुविधा जरूरी

एसबीआई के रीजनल जनरल मैनेजर देवाशीष मित्रा कहते हैं कि बैंकों में दिव्यांगों के लिए अलग से सुविधाएं होनी चाहिए। लेकिन बैंकों में इस तरह के इंतजाम के लिए कोई प्रोविजन ही नहीं है। बैंक की तरफ से दिव्यांगों को व्हील चेयर वितरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि रिम्स के एसबीआई ब्रांच में रैंप बनाया गया है। दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर भी उपलब्ध कराए जाते हैं।

नेट बैंकिंग है विकल्प

एसबीआई के रीजनल जनरल मैनेजर देवाशीष मित्रा ने बताया कि दिव्यांग नेट बैंकिंग का यूज कर सकते हैं। इन दिनों बैंक के ज्यादातर काम नेट के सहारे किए जा रहे हैं। ऐसे में बैंक भी खुद को हाईटेक कर रहा है। बैंकिंग के लिए मोबाइल एप भी लांच किए गए हैं। लेकिन, सवाल यह है कि कितने दिव्यांग नेट बैंकिंग व मोबाइल एप फ्रेंडली होंगे।

Posted By: Inextlive