- ढाई हजार दिव्यांगों ने कराया है रजिस्ट्रेशन, अपलोड नहीं हुआ डाटा

- अधिकारियों ने अपलोडिंग प्रक्रिया में बताई देरी, भटक रहे दिव्यांग

BAREILLY:

यूडीआईडी के लिए अप्लीकेशन देने के बावजूद दिव्यांग स्मार्ट नहीं बन पा रहे हैं। जबकि, शासन ने लास्ट ईयर 31 दिसंबर स्मार्ट कार्ड जारी करने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकारी तंत्र की सुस्ती भारी पड़ गई। ऐसे में, दिव्यांगों को विस चुनाव बाद ही कार्ड मिल पाएंगे।

सीएमओ की थी जिम्मेदारी

पदभार ग्रहण करते ही डीएम पंकज यादव ने स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए विकलांग और स्वास्थ्य विभाग को निर्धारित समय में आवेदन कराने और यूआईडी की प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। पहले से रजिस्टर्ड दो हजार दिव्यांगों समेत अनरजिस्टर्ड दिव्यांगों का सर्वे कराकर उन्हें यूनिक डिसएबिलिटी आईडी का लाभ दिया जाना है। आदेश मिलते ही विभाग ने आवेदन कराने शुरू किए। करीब 24 सौ दिव्यांगों ने जारी आदेश के तहत विभाग में आवेदन कर दिया। पर विभाग उन्हें अपलोड ही नहीं कर सका। अब अधिकारी शासन स्तर से लेटलतीफी होने की बात कह रहे हैं।

यूडीआईडी बनाने के दिए थे निर्देश

लास्ट ईयर 6 जून को शासन ने सूबे में यूनिक आईडी बनाने के निर्देश जारी किए थे। यूनिक डिसएबिलिटी आईडी के जरिए न केवल दिव्यांग प्रमाणपत्रों में समानता आने बल्कि दिव्यांगों को सुविधा का आसानी से लाभ मिलने की संभावना जताई थी। शासनादेश के मुताबिक प्रदेश में 35 लाख दिव्यांगों को सुविधा का लाभ मिलना था। विकलांग जन विकास विभाग के संयुक्त निदेशक अखिलेंद्र कुमार ने जारी पत्र में सभी मंडलों में यूडीआईडी बनाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने फौरी तौर पर रजिस्ट्रेशन के निर्देश विभागों को दिए थे। ताकि दिव्यांगों को सुविधा का लाभ मिल सके।

निर्माण प्रक्रिया और लाभ

- यूडीआईडी बनवाने के लिए रजिस्टर्ड दिव्यांगों को सीएमओ ऑफिस में आवेदन करना होता है।

- मैन्युअल परिचय पत्र के आधार पर सीएमओ दिव्यांगों को डिजिटल दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाते हैं।

- वेरिफिकेशन के बाद सीएमओ ऑफिस के जरिए दिव्यांगों को यूडीआईडी जारी किया जाता है।

- एक यूआईडी नंबर एक ही दिव्यांग को मिलेगा। जो समूचे देश के सभी राज्यों में मान्य होगा।

- यूआईडी मिलने के बाद डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं रहेगी। ऑनलाइन वेरिफिकेशन हो सकेगा।

- केंद्र द्वारा दी जाने वाली जनकल्याणकारी योजना का लाभ दिव्यांगों को इस यूआईडी से मिलेगा।

शासन से ऑनलाइन डाटा अपलोडिंग में देरी होने की वजह से यूआईडी को जारी करने में लेटलतीफी हो रही है।

संतोष कुमार, जिला विकलांग जन विकास विभाग

यूडीआईडी के लिए कई बार विभाग चक्कर लगा चुका हूं। मौजूद कर्मचारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं।

गिरीश पाल, दिव्यांग

Posted By: Inextlive