पुलिस ने बसपा नेता हत्याकांड का रविवार को किया खुलासा

मुख्य अभियुक्त आकाश सिंह समेत छह अन्य की तलाश में दबिश

छात्रसंघ चुनाव से पूर्व दो अक्टूबर की रात ताराचंद हॉस्टल में हुआ था कत्ल

ALLAHABAD: कुछ सेकेंड का गुस्सा बसपा नेता राजेश का काल बन गया। छात्रसंघ चुनाव से पूर्व दो अक्टूबर की रात मारे गए राजेश यादव हत्याकांड में पुलिस के ताजे खुलासे में यह कहानी निकलकर सामने आई है। पुलिस ने रविवार को हत्या में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर यह खुलासा किया है। गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों में से एक प्रतापगढ़ के सरायभूपति गांव निवासी अंतेश प्रताप सिंह उर्फ जग्गा है। जबकि दूसरा मानधाता ढेमा का रहने वाला आशुतोष सिंह है। पुलिस के मुतांिबक दोनों प्रतियोगी छात्र हैं। हालांकि अभी गोली मारने वाला मुख्य अभियुक्त आकाश सिंह पुलिस की पकड़ से दूर है।

नशे में गाली-गलौज व फायरिंग

रविवार शाम पुलिस लाइंस सभागार में एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने अभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर की देर रात डॉ। मुकुल सिंह व राजेश यादव फाच्र्यूनर कार से ताराचंद हॉस्टल गए। इससे पहले दोनों एक और हॉस्टल भी गए थे। ताराचंद हॉस्टल में कुछ छात्रों से छात्रसंघ चुनाव को लेकर विवाद हुआ तो नशे में राजेश ने गाली-गलौज करते हुए फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद राजेश की कार पर पथराव और फायरिंग होने लगी। इसमें एक गोली राजेश को लगी। आनन-फानन में डॉ। मुकुल सिंह राजेश को अपने हॉस्पिटल इलाज के लिए ले आए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। राजेश ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

कुल आठ थे वहां

एसपी सिटी का कहना है कि गिरफ्त में आए जग्गा व आशुतोष ने बताया कि गोली सुल्तानपुर निवासी आकाश ने चलाई थी। घटना में कुल आठ लोग शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध छात्रों से पूछताछ के बाद आरोपियों का नाम सामने आया था। वारदात के कुछ दिन बाद ही जग्गा समेत तीन लड़कों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि दोनों की गिरफ्तारी रविवार दोपहर एक बजे मजार तिराहे के पास दिखाई जा रही है।

किराए के कमरे में रहते हैं

पुलिस की गिरफ्त में आए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे तेलियरगंज में किराए का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ताराचंद हॉस्टल में रहने वाले कुछ सीनियर्स से उनकी दोस्ती थी। घटना वाले दिन महामंत्री पद के लिए चुनाव लड़ने वाले अर्पित सिंह के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के सिलसिले में वे साथियों संग वहां गए थे। पुलिस मामले में महामंत्री पद के प्रत्याशी रहे अर्पित सिंह की भूमिका की भी जांच कर रही है।

डॉ। मुकुल के नार्को टेस्ट के लिए भेजी रिपोर्ट

बसपा नेता की हत्या में नामजद आरोपी व राजेश यादव के दोस्त राज नर्सिग होम के मालिक डॉ। मुकुल सिंह की भूमिका को पुलिस बहुत संदिग्ध मान रही है। पुलिस का मानना है कि पथराव व फायरिंग के बीच डॉ। मुकुल सिंह राजेश के साथ गाड़ी में थे और छात्र लगातार फायरिंग व पथराव कर रहे थे तो मुकुल को चोट क्यों नहीं लगी? यही नहीं दो से तीन स्थान पर कार का रुकना भी संदेह पैदा कर रहा है। पुलिस सच्चाई का पता लगाने के लिए नार्को और लाई डिटेक्टर टेस्ट की बात कर रही है। एसपी सिटी ने बताया कि टेस्ट के लिए कोर्ट से सहमति मिल गई। संबंधित रिपोर्ट को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है।

आखिर क्या है बीमारी?

हत्या के दूसरे दिन से नामजद अभियुक्त डॉ। मुकुल सिंह स्वरूपरानी हास्पिटल में भर्ती हैं। उन्हें भर्ती हुए 20 दिन हो गए हैं। रविवार को एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने बताया कि इस संबंध में मेडिकल ऑफिसर से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

तुनकमिजाजी खड़ी कर रही मुश्किल

आए दिन होने वाली चक्काजाम की घटनाएं, रोड रेज, हत्या और मारपीट की घटनाओं के मूल में लोगों को साइकोपैथ पर्सनैलिटी का होना है। लोग तुनकमिजाज हो गए हैं। नाक पर गुस्सा है। बर्दाश्त करने की क्षमता कम हो गई है। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो बचपन में माता-पिता शिष्टाचार की शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। केवल पढ़ाई का बोझ डाला जा रहा है। यही बच्चे जब युवा होते हैं तो उनमें हीरोशिप की भावना डेवलप होने लगती है और वह खुद को साबित करने में कोई भी कदम उठा लेते हैं। साइकोपैथ पर्सनैलिटी होने के चलते बात-बात पर ब्लड प्रेशर बढ़ना और गुस्से में अपराध को अंजाम देना आम बात हो गई है।

यहां भी दिखाई दिया असर

राजेश यादव की हत्या के मामले में अभी तक ऐसा ही सामने आ रहा है। पकड़े गए दोनों प्रतियोगी छात्रों से राजेश की कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। मुख्य अभियुक्त आकाश और राजेश के बीच कोई रंजिश भी नहीं थी। बस किसी बात को लेकर तू तू-मैं मैं हुई और गोलियां चलने लगीं। इसी नाराजगी और गुस्से की भेंट चढ़ गई राजेश की जान। फिलहाल पुलिस की तफ्तीश इसी ओर इशारा कर रही है। आगे के खुलासे में क्या सामने आता है यह तो भविष्य पर निर्भर है।

लोगों में कानून का डर नहीं रह गया है। मीडिया और फिल्मों में मारधाड़ और मारपीट दिखाई जा रही है। इसका युवाओं के मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ रहा है। उनकी बर्दाश्त की सीमा खत्म होती जा रही है। जरा सी बात पर तैश आया और गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। नतीजा सामने है। आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

-कमलेश तिवारी, मनोवैज्ञानिक

पल भर में सातवें आसमान पर पहुंचा गुस्सा

केस-1

हाल ही में खुल्दाबाद के भुसौली टोला के रहने वाले शीबू की पड़ोस के रहने वाले रोहित और अरविंद से किसी बात को लेकर झड़प हो गई थी। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने शीबू पर फायर कर दिया। उसे जख्मी हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि अचानक आए गुस्से के चलते जानलेवा हमला किया गया।

केस-2

इसी महीने मुंडेरा मंडी के रहने वाले दर्जी मो। जानू को प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण ने गोली मारकर घायल कर दिया था। बताया जाता है कि जानू की बाइक प्रवीण की कार से टच कर गई थी। इसी को लेकर विवाद बढ़ा और हाथापाई हो गई। बात बढ़ी तो प्रवीण ने जानू की जांघ पर गोली मार दी।

Posted By: Inextlive