शहर में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं। बाजारों और चौराहों की हर छोटी-बड़ी दुकानों पर सियासी चर्चाएं हो रही हैं। शहर विधानसभा में भी लोग अपने भाग्य विधाता को चुनने का मन बनाने में जुटे हैं। गौरतलब है कि शहर विधानसभा के लोग सबसे ज्यादा जाम की समस्या से जूझते हैं। उनका कहना है कि जाम और क्राइम से निजात मिले तो तस्वीर बदलेगी।

Meerut । सुबह का वक्त था। गुरूवार के दिन सर्दी कुछ ज्यादा थी। लिहाजा इक्का-दुक्का लोग ही सड़क पर नजर आए। लेकिन जैसे-जैसे सूरज देवता ने दर्शन दिए तो लोग भी घरों से निकलने लगे। न्यू मोहनपुरी में मुकेश पांडे की चाय की दुकान में भी लोगों की संख्या बढ़ने लगी। मुकेश की एक विशेषता है वे चाय देने के साथ साथ हर किसी से हालचाल पूछते रहते हैं लिहाजा हर ग्राहक से उनका एक अलग रिश्ता बन जाता है। गुरूवार के दिन भी उनकी दुकान पर कुछ रिटायर्ड कर्मचारी, कुछ स्टूडेंट और लोग चाय का प्याला थामे अखबार पढ़ने में जुटे थे। यूपी के सियासी हालातों पर बुजुर्ग से लेकर नौजवान तक अपनी राय रखने में जुटे थे। इसी बीच आईनेक्स्ट की टीम मुकेश पांडे की चाय की दुकान पर पहुंची। हाल-चाल पूछने के बाद मुकेश ने जैसी रिपोर्टर को चाय दी। तो रिपोर्टर ने मुस्कुराते हुए कहा कि और भाई बताओ इस बार किसकी सरकार बना रहे हो।

- रिपोर्टर का सवाल पूछना ही था कि मुकेश तो चुपचाप रहे लेकिन पास बैठे वेद पांडे बोल उठे कि सरकार किसी की भी बने भाई हमें तो कोई इस जाम की समस्या से मुक्ति दिला दे। यही हमारे लिए सबसे बड़ा सवाल है।

- बडे़ ही रोचक अंदाज में वेद ने कहा कि भाई हर बार राजनेता यही आकर कहते हैं कि भाई चिंता ना करो, हम तुम्हारी हर समस्या से छुटकारा दिलाएंगे। लेकिन हालत तो सभी देख रहे हैं।

- वेद की बात खत्म भी नहीं हो पाई थी कि पास बैठे अखबार पढ़ रहे विवेक बोल उठे कि यार शहर के अपराध को भी रोकने का भी कोई इंतजाम होना चाहिए। इतनी पुलिस फोर्स होने के बावजूद भी अपराधियों में खौफ नहीं है। हालत यह है भाई आए दिन लूट, मर्डर और डकैती हो रही हैं। इस पर भी तो कोई सरकार रोक लगाए।

- इतने में मनोज गोस्वामी बोल उठे कि यह सब तो ठीक है पर बेरोजगारी के बारे में कोई नहीं बोलता है। यदि युवाओं को रोजगार मिले तो वह अपराध क्यों करेगा। युवाओं का देश है। पर उसके पास रोजगार नहीं है।

- दुकान के कोने में बैठे चाय की चुस्की ले रहे मुकेश से इस बात पर रुका नही गया। कि यार बस बीजेपी की सरकार बनवाओ फिर देखो अपराध और रोजगार जैसी समस्याएं कैसे दूर होती हैं।

- अब बात मुद्दों से हटकर राजनीति पर आकर टिक गई थी। लिहाजा गर्म चाय के साथ बहस और बढ़नी थी। और हुआ भी यही। मुकेश को बीच में टोकते हुए सिद्धार्थ ने कहा कि यार देख लिया है तुम्हारी पार्टी को। केंद्र में उन्हीं की ही सरकार है। लेकिन जमीनी स्तर पर क्या काम हुए हैं हमें बता सकते हो क्या।

- नाराज होते हुए सिद्धार्थ ने कहा कि क्या बात करते हो, भाई सरकार किसी की भी आए लेकिन पार्टी जो कहती है वे कभी नहीं करती। अब अपने यहां ही देख लो। हम लोग तो रोज जाम से जूझते हैं लेकिन कोई निजात नहीं दिलाता है।

- वहीं, विकास बहुत देर से सबकी बात गौर से सुन रहे थे। सबको रोकते हुए वो बोले कि प्रदेश की छोड़ो अपनी विधानसभा पर ध्यान दो। इस पर बुनियादी मुद्दों पर ही चुनाव होंगे।

- आखिर में सभी इसी बात पर राजी हुए कि ट्रैफिक और क्राइम ही अपने यहां सबसे बड़ा मुद्दा है। चाय का पेमेंट करते हुए सभी लोग चल दिए। और साथ ही साथ ये भी कह गए कि चाय पे चर्चा तो ठीक है लेकिन जनता जागरूक हो तो मुद्दों का समाधान जल्द ही होगा।

वर्जन

अपराध पर लगाम लगनी चाहिए। शहर में अपराध बहुत अधिक हो रहे हैं। आए दिन डकैती और लूटपाट हो रही है। पुलिस को अपराधियों पर लगाम लगानी चाहिए। कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है।

सुनील शर्मा

इस बार विकास सबसे बड़ा मुद्दा है। हर पार्टी विकास की बात कर रही है। होनी भी चाहिए। मेरठ में यदि मेट्रो, हवाई अड्डा, रिंग रोड जैसी योजनाएं इस बार पूरी होनी चाहिए। शहर के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी।

मुकेश पुंडीर

इस बार अच्छा शासन और विकास करने वाली पार्टी को चुनना चाहिए। जो केवल इन्हीं चीजों के ओर ध्यान लगाकर काम करे। युवाओं को रोजगार दे सके। अपराधियों पर लगाम लगा सके

नरेश गुप्ता

शहर में इस बार अनेक योजनाएं आई। लेकिन अभी तक वह पूरी नहीं हुई है। भाजपा की सरकार बननी चाहिए। क्योंकि केंद्र में भी भाजपा सरकार है। दोनों में तालमेल सही रहेगा।

मोहित स्वामी

टी प्वाइंट

शहर में कोई भी विधायक बने या फिर प्रदेश में किसी भी सरकार बने। हमें तो अपनी दुकान ही करनी है। जो अमीर है वह और अमीर होता जा रहा है। और जो गरीब वैसा का वैसा ही है। उसकी तरक्की की ओर कोई ध्यान नहीं देता है।

मुकेश पांडे, चाय की दुकान का मालिक

Posted By: Inextlive