लाॅकाउन के बीच रेलवे स्टेशनों और बस डिपो के अलावा इन परिवहनों से यात्रा में अलग-अलग तरह की खबरें सामने आ रही हैं। इनमें तमाम अफवाहें भी हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों यूटी को रेलवे और परिवहन विभाग के साथ सक्रिय समन्वय सुनिश्चित कर स्पष्टता देने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली (आईएएनएस) कोरोना वायरस और लाॅकडाउन के बीच रेलवे स्टेशनों और बस डिपो में अराजकता की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस दाैरान गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को रेलवे और परिवहन विभाग के साथ सक्रिय समन्वय सुनिश्चित करने और रेल और बस यात्रा पर स्पष्टता देने का निर्देश दिया है। एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से सोमवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण का डर और आजीविका के नुकसान की आशंका है।

बसों के प्रवेश की अनुमति गृह मंत्रालय द्वारा सुझाए गए उपायों में से एक

फंसे श्रमिकों को उनके घर पहुंचाना हमारा पहला कर्तव्य है। राज्यों और रेलवे मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय द्वारा अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन, प्रवासियों के परिवहन के लिए बसों की संख्या में वृद्धि, अंतर-राज्यीय सीमा पर प्रवासियों को ले जाने वाली बसों के प्रवेश की अनुमति गृह मंत्रालय द्वारा सुझाए गए उपायों में से एक है। एमएचए में उल्लेख किया गया है, ट्रेनों, बसों के प्रस्थान के बारे में अधिक स्पष्टता दी जा सकती है, क्योंकि अफवाहें श्रमिकों के बीच अशांति पैदा करती है।

पैदल चलने वाले प्रवासियों को आस-पास के बस टर्मिनलों तक पहुंचाएं

भोजन और स्वास्थ्य सेवा के लिए पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था राज्यों द्वारा की जा सकती है जहां प्रवासियों को पहले से ही पैदल यात्रा करने के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया कि जिला अधिकारियों को परिवहन की व्यवस्था करके, पैदल चलने वाले प्रवासियों को आस-पास के बस टर्मिनलों या रेलवे स्टेशनों पर ले जाना चाहिए। प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की विशिष्ट आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

Posted By: Shweta Mishra