जूनियर को थमाई कुर्सी फिर वापस आकर कर लिया ज्वाईन

--ISDC में प्रिंसिपल के पद को लेकर बढ़ा फसाद, VC से शिकायत

ALLAHABAD: ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल की कुर्सी को लेकर विवाद बढ़ गया है। डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स के हेड डॉ। एके अग्रवाल ने खुद के साथ हो रही नाइंसाफी से खिन्न होकर कुलपति प्रो। आरएल हांगलू को पत्र लिखा है और इंसाफ की गुहार लगाई है। चेतावनी दी है कि इंसाफ नहीं हुआ तो वे कोर्ट की शरण में जाएंगे।

प्रशासनिक अस्थिरता, अध्यादेश का चीरहरण

डॉ। अग्रवाल ने कुलपति को भेजे गये पत्र में कहा है कि प्रबंधतंत्र के फैसले से कॉलेज में प्रशासनिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई है। डॉ। अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कार्यवाहक प्राचार्य डॉ। आनंद 22 मार्च 2017 को भारतीय इतिहास शोध संस्थान नई दिल्ली में सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त हुये। इसके बाद प्रबंधन ने इविवि के अध्यादेश के प्रावधानो का उल्लंघन करते हुये वरिष्ठता क्रम में 14वें नम्बर के शिक्षक रक्षा अध्ययन विभाग के डॉ। धीरेन्द्र द्विवेदी को कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त कर दिया।

बाक्स

अग्रवाल पहले, डॉ। धीरेन्द्र 14 नम्बर पर

डॉ। एके अग्रवाल ने कुलपति को भेजे पत्र के साथ कॉलेज में शिक्षकों की सीनियारिटी लिस्ट भी अटैच की है। यह लिस्ट खुद प्रिंसिपल के पद पर रहते हुये डॉ। आनंद शंकर सिंह के हस्ताक्षर से 16 नवम्बर 2016 को जारी की गई है। आरोप लगाया गया है कि डॉ। आनंद को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दो लीयन लीव एक साथ दे दी गई। प्रथम लीयन लीव 2016 में पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये प्राचार्य के पद पर नियुक्त किये जाने पर उनके मूल पद एसोसिएट प्रोफेसर प्राचीन इतिहास विभाग से दिया गया तथा पुन: सन 2017 में एक टेन्योर पद से दूसरे टेन्योर पद (सदस्य सचिव भारतीय इतिहास शोध संस्थान) पर जाने के लिये दे दिया गया।

23 जून को डॉ। आनंद शंकर ने दोबारा प्राचार्य की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। नियमत: उन्हें अपने मूल पद पर विभाग में वापस जाकर ज्वाईन करना चाहिये था और सबसे वरिष्ठ शिक्षक को कुर्सी सौंपनी चाहिये। मेरे साथ इंसाफ नहीं हुआ तो मैं कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिये तैयार हूं।

डॉ। एके अग्रवाल

गलत और सही देखना प्रबंध तंत्र का काम है। मैं इसमें कुछ नहीं बोल सकता। डॉ। धीरेन्द्र को प्रबंध तंत्र ने उपर्युक्त समझा तो नियुक्त किया।

डॉ। आनंद शंकर सिंह,

वर्तमान प्राचार्य

दोनो पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की है। कॉलेज प्रबंध तंत्र का कहना था कि वह एकेडमिक परफारमेंस के अनुसार नियुक्ति करेगा। इसके लिये प्रबंध तंत्र ने फार्म भरवाया था। इसमें डॉ। धीरेन्द्र द्विवेदी को डॉ। अग्रवाल से योग्य पाया गया और नियुक्ति दी गई।

प्रो। एनके शुक्ला,

रजिस्ट्रार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive