RANCHI : साइन लैंग्वेज मास्टर इन एजूकेशन और डिस्टेंस एजूकेशन. इनके शुरू होने का रांची यूनिविर्सटी के स्टूडेंट्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन डिपार्टमेंट्स अथवा कोर्सेज को शुरू करने के लिए आरयू एडमिनिस्ट्रेशन ने कोई पहल नहीं की. इसके लिए प्रपोजल भी बनाए गए पॉलिसी भी फ्रेम किया गया पर जब खोलने की बारी आई तो कुछ न कुछ वजहों से मामला लटकता चला गया. एक साल से ज्यादा हो चुके हैं पर इन तीनों डिपार्टमेंट्स में एक भी डिपार्टमेंट अभी तक नहीं खोला जा सका है.


यूजीसी का है प्रपोजल

यूजीसी की ओर से लास्ट ईयर ही  रांची यूनिवर्सिटी को साइन लैंग्वेज डिपार्टमेंट खोलने का प्रपोजल भेजा गया था। कॉलेजेज में इसे खोलने की बात प्रपोजल में कही गई थी। यूजीसी के मुताबिक, आज न सिर्फ इंडिया, बल्कि पूरे वल्र्ड में साइन लैंग्वेज की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इसे यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज में शुरु करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एन्वायरमेंट भी इनिशिएटिव ले रही है। इस बाबत देश के सभी यूनिवर्सिटीज को प्रपोजल भेजा गया था, पर आरयू समेत कई यूनिवर्सिटीज में यह अबतक नहीं खुल सका है।

फॉरेन में भी अपॉच्र्यूनिटी
कॉलेजेज में साइन लैंग्वेज के तीन अलग-अलग कोर्सेज शुरू करने का प्रपोजल है। डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट, इन तीनों में कोई भी कोर्स स्टूडेंट्स कर सकते हैं। खास बात है कि ये तीनों ही कोर्सेज जॉब ओरिएंटेड हैं। देश में मूक-बधिरों के लिए रन कर रहे स्कूल्स में ऐसे कोर्सेज कर चुके लोगों की डिमांड सबसे ज्यादा है। फॉरेन में भी इस कोर्स को करने के बाद जॉब के भरपूर मौके हैं।

फाइलों में डिस्टेंस एजूकेशन
रांची यूनिवर्सिटी का डिस्टेंस एजूकेशन शुरू करने का प्रपोजल भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है। इसके लिए प्लेस का भी सेलेक्शन कर लिया गया था, पर फंड नहीं मिलने से इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। अगर आरयू में डिस्टेंस एजूकेशन शुरू हो जाता तो ऐसे स्टूडेंट्स को ज्यादा फायदा होता, जो किन्हीं वजहों से रेगुलर क्लासेज नहीं कर पाते हैं अथवा कहीं जॉब कर रहे हैं।

अधर में लटकी एमएड की पढ़ाई
आरयू में बीएड की पढ़ाई तो कई कॉलेजेज में हो रही है, पर एमएड के लिए यहां के स्टूडेंट्स को अदर यूनिवर्सिटीज का रूख करना पड़ता है। इसे देखते हुए लास्ट ईयर डिपार्टमेंट ऑफ एजूकेशन खोलने का प्रपोजल तैयार किया गया था, पर अबतक इसे शुरू नहीं किया जा सका है। यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स के मुताबिक, यह प्रपोजल  एनसीटीई को भेजा गया है। वहां से अप्रूवल मिलते ही एमएड की पढ़ाई यूनिवर्सिटी में शुरू कर दी जाएगी।

Posted By: Inextlive