RANCHI: रांची शहर में आज कल पीने के पानी को लेकर हा-हाकार मचा हुआ है। वहीं, लालपुर से कोकर के बीच पड़ने वाले डिस्टिलरी तालाब को खत्म कर रांची नगर निगम उसे पार्क बनाने का काम कर रहा है। जिसे लोग डिस्टिलरी तालाब के नाम से जानते हैं। दरअसल वह एक डैम था। क्8ब्0 में राय बहादुर ठाकुर दास और राय साहब लक्ष्मी नारायण ने लालपुर व कोकर के बीच स्थित अपनी जमीन पर रांची डिस्टिलरी की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्होंने क्9ख्8 में यहां पर एक डैम का निर्माण करवाया। पानी करमटोली तालाब से बरियातू होते हुए डिस्टिलरी तक आता था। यहां पर पानी की कमी न हो इसके लिए दो कुएं भी खुदवाए गए।

अपर डैम और लोअर डैम

इसमें एक अपर और एक लोअर डैम बनाया गया और इसमें पानी के बहाव को कंट्रोल करने के लिए फाटक भी लगाए गए। यहा से यह एक छोटी नदी के रूप में होते हुए स्वर्ण रेखा नदी में मिलता था। पूरे साल यहां पर पानी रहता है। जब डैम का फाटक खुलता, तो आसपास से लोग इसे देखने आते थे। इसका पानी इतना साफ था कि इसका यूज डिस्टिलरी में भी किया जाता था। लेकिन 80 के दशक में जब यह डिस्टिलरी बंद हुई तो इस तालाब के भी बुरे दिन शुरू हो गए। रांची नगर निगम की लापरवाही के कारण भू-माफिया ने तालाब के आसपास अतिक्रमण करना शुरू किया। नतीजन, यह तालाब संकरा होता गया और साथ ही सफाई नहीं होने से इसमें गाद भरने लगा। देखते-देखते ही यह एक नाले में तब्दील हो गया। इसको लेकर समय-समय पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आवाज उठाई। उसके बाद रांची नगर निगम ने योजना बनाई और काम शुरू कराया, लेकिन निर्माण इसके अस्तित्व को और भी समाप्त करने वाला है।

नेचुरल रिसोर्स हो रहा बर्बाद

रांची शहर के साल क्9म्फ् से लेकर 7म् तक मेयर रह चुके शिव नारायण जायसवाल डिस्टिलरी तालाब के बारे में कहते हैं कि उनके पूर्वजों ने इसका निर्माण कराया था। उसके बाद जब वे रांची के मेयर बने, तो इसके लिए लगातार काम करते रहे। लेकिन उसके बाद प्रशासन की अनदेखी और अतिक्रमण की वजह से डिस्टिलरी तालाब की यह स्थिति हो गई। उनका कहना है कि डिस्टिलरी तालाब के नेचुरल रिसोर्स को समाप्त किया जा रहा है। यहां पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए, बल्कि जो अतिक्रमण हुआ है उसे मुक्त कराकर पानी के नेचुरल रिसोर्स को जीवित करना चाहिए। जैसे देश के कई हिस्सों में लोगों ने किया है।

तालाब के लिए शुरू होगा आंदोलन

शिव नारायण जायसवाल के पोते और टीम इम्पावर झारखंड के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल का कहना है कि डिस्टिलरी तालाब में रांची नगर निगम डेढ़ करोड़ खर्च कर पार्क और झूले लगवा रहा है। जबकि रांची नगर निगम को चाहिए था कि इस इस तालाब के जो नेचुरल पानी का बहाव था करमटोली से लेकर कोकर और उसके बाद खोरहाटोली से लेकर स्वर्ण रेखा नदी तक, उसे ठीक करवाए। इसके किनारे जो अतिक्रमण है, उसे हटाया जाता। यहां की सफाई करवा कर इसको गहरा किया जाता। जिससे बरसात का पानी यहां इकट्ठा होता और पूरे साल लोग इस पानी का उपयोग करते। लेकिन इसपर ध्यान ही नहीं दिया गया। यहां पर जो सीमेंट का निर्माण किया जा रहा है, वो इस पानी के नेचुरल सोर्स को खत्म कर रहा है। इसको लेकर वह आंदोलन करेंगे।

Posted By: Inextlive