-वोट डालने पहुंचे नवाजिश शाहिद ने पुलिस-प्रशासन को लिया आड़े हाथों

-परिवार की साख आड़े आ गई नहीं तो पुराने घटनाक्रमों ने दिए हैं गहरे जख्म

- अतुल प्रधान ने जीत का सेहरा नवाजिश के सिर बांधते हुए खेली 'पॉलिटिक्स'

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Meerut : बचत भवन में गुरुवार को वोट डालने पहुंचे जिला पंचायत सदस्य और कबीना मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश शाहिद ने पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की ओर देखते हुए कहा कि 'वोट तो डालने आया हूं, ध्यान रखना-कोई गुंडा पत्थर न मार दे'। नवाजिश का बयान कुछ दिन पहले पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के घर पर हुए प्रकरण पर तल्ख टिप्पणी करने वाला था।

वोट डालने का हो प्रमाण

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर बचत भवन में चल रही वोटिंग में सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान के पक्ष में 16 वोट पड़ चुके थे तो प्रतिद्वंद्वी कुलविंदर भी 16 मत हासिल कर चुके थे। बराबरी की जंग में निर्णायक भूमिका नवाजिश और डब्बू को निभानी थी, क्योंकि यही दो वोट पड़ने बाकी थे। नवाजिश के साथ पहुंचे डब्बू ने सीमा प्रधान को वोट दिया। आई नेक्स्ट से वार्ता कर रहे नवाजिश ने कहा कि वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी को बतौर गवाह दिखाया भी, ताकि कोई कल यह न कह दे कि वोट नहीं दिया। एक पिता का बेटा होने के नाते चाहता तो वोट नहीं करता, तीन पीढि़यां पिछली 50 सालों से पार्टी की सेवा कर रही हैं। जिंदगी भर के लिए कलंक लग जाता, इसलिए बेइज्जती का घूंट पीकर रह गया।

पिता के अपमान का है दर्द

एक राजनेता का दूसरे राजनेता से मिलना क्या गुनाह है? यदि मेरे पिता (शाहिद मंजूर) किसी से मिलेंगे तो कोई (अतुल प्रधान) एतराज क्यों करेगा। एतराज से इतर जो घटनाक्रम उस दौरान पेश आया वो कोई भी पुत्र बर्दाश्त नहीं करेगा। टिकट न मिलने का दर्द नहीं है, मीटिंग में शामिल न होने की वजह पिता की साख पर सवाल उठाना था। शहर में हमारे परिवार के बारे में सब जानते हैं। सीमा प्रधान की जीत के बाद आई नेक्स्ट से रूबरू इस जीत के 'हीरो' नवाजिश ने साफ किया कि घटनाक्रम को लेकर रंज है किंतु खुशी इस बात की है कि मेरठ में पार्टी की जीत हुई है।

अतुल ने खेली 'पॉलिटिक्स'

जिला पंचायत चुनाव की मुनादी पिटने से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष की ताजपोशी तक मिनट दर मिनट बदले घटनाक्रम में एक ओर जहां कबीना मंत्री अपने बेटे को लेकर संजीदा थे तो वहीं युवा नेता अतुल प्रधान इस मौके को हाथ से नहीं गंवाना चाहते थे। सीएम अखिलेश यादव के चहेते अतुल पत्‍‌नी सीमा प्रधान के लिए टिकट लेकर आए और विरोधियों से लोहा लेते रहे, कुछ घटनाक्रम ऐसे भी हुए जिन्होंने माहौल को बिगाड़ने का काम किया। जीत के बाद आई नेक्स्ट से वार्ता अतुल ने मंजे राजनेता की तरह बयान देते हुए कहा कि 'जीत श्रेय सीएम अखिलेश यादव, मंत्री शाहिद मंजूर और नवाजिश शाहिद को देते हैं, इन्हीं लोगों की वजह से बड़ी जीत हासिल हुई.'

Posted By: Inextlive