जिला अधिवक्ता संघ के नए सत्र के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए हो रही थी वोटिंग

हाथापाई की नौबत, कचहरी में जमकर हंगामा और बवाल

ALLAHABAD: जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ। बैलेट पेपर लूट लिए गए तो मतदान में बाधा आ गई। इस पर विरोध हुआ तो दो पक्षों में हाथापाई की नौबत आ गई। कचहरी में अफरा-तफरी मच गई। माहौल बिगड़ता देख चुनाव अधिकारी ने पूरी मतदान प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया। चुनाव की नई तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।

सुबह नौ बजे शुरू हो गया मतदान

अधिवक्ता संघ के चुनाव के लिए मतदान सुबह नौ बजे शुरू होना था। मतदान शुरू होने में देरी पर कुछ अधिवक्ताओं ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद मतदान शुरू हो गया तो वे शांत हो गए। दो घंटे तक सकुशल मतदान हुआ। इसी बीच कुछ प्रत्याशी मतपत्र पर सभी चुनाव अधिकारियों के हस्ताक्षर न होने की बात कहते हुए बूथ के अंदर घुस आए और बूथ पर रखे मतपत्रों को लेकर छीना-झपटी शुरू कर दी। इसका अधिवक्ताओं के एक धड़े ने विरोध किया तो दो पक्ष आमने-सामने आ गए। बात बढ़ने पर नौबत मारपीट तक पहुंच गई। बवाल और मारपीट होते ही वहां मौजूद कुछ लोग बैलेट पेपर लेकर भाग गए। इससे बवाल और बढ़ गया। पुलिस अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो वे सीआरपीएफ और फोर्स लेकर पहुंच गए।

एक-दूसरे पर लगाए आरोप

बहस छिड़ गई तो एक दूसरे पर अधिवक्ता आरोप प्रत्यारोप लगने लगे। यह विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत तोड़फोड़ तक पहुंच गई। इस बीच चुनाव अधिकारियों ने कई बार बवाल और हंगामे को बचाने के लिए वकीलों को मनाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। अंत में चुनाव अधिकारियों ने चुनाव रद्द करने की घोषणा कर दी। चुनाव रद्द होने की खबर उड़ते ही प्रत्याशी और मतदाता अधिवक्ता उग्र रूप में आ गए। उन्हें सीनियर अधिवक्ताओं ने किसी प्रकार शांत कराया। इसके बाद संघ के पदाधिकारी, चुनाव अधिकारी बैठक करते रहे, मगर शाम तक कोई तारीख नई घोषित नहीं हो सकी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचने पर शनिवार को कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि चुनाव की अगली तिथि हाईकोर्ट के निर्देश पर घोषित की जाएगी।

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हाई कोर्ट को दी गई जानकारी

जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव अधिकारी राम नरायन द्विवेदी, अनिल कुमार शुक्ला, कमलेश चन्द्र चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी, कार्यवाहक मंत्री मंजेश शुक्ला, केवी तिवारी, गिरिश तिवारी तमाम अधिवक्ताओं व अराजक तत्वों के साथ आए और गाली-गलौज के साथ जान से मारने की धमकी दी। इस घटना की पूरी जानकारी सीसीटीवी कैमरे में कैद है। यह पूरी जानकारी हाईकोर्ट को दी गई है। दूसरी तरफ जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी का आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी सांठ गांठ से चुनाव करना चाहते थे। कार्यकारिणी में तय हुआ था कि सभी मतपत्रों पर निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए। इसका पालन नहीं किया गया। पूर्व अध्यक्ष केबी तिवारी, गिरीश तिवारी का आरोप है कि सभी मतपत्रों पर निर्वाचन अधिकारियों का हस्ताक्षर न होने की शिकायत पर जवाब मिला कि तीनों निर्वाचन अधिकारियों को कोई आपत्ति नहीं है।

Posted By: Inextlive