अभियोजन साबित नहीं कर सका आरोप, सड़क किनारे मिली थी लाश

ALLAHABAD: 18 वर्ष पूर्व चाकुओं से गोदकर की गई हत्या के मुकदमे में अभियोजन द्वारा आरोप साबित न कर पाने पर अपर जिला जज जीके वैश्य की अदालत ने आरोपी कैलाश हरी, दुर्गा नाई को दोषमुक्त कर दिया।

कौशांबी जिले के थाना करारी में ग्राम तियरा जमालपुर के प्रधान गोपी ने रपट 18 फरवरी 99 को दर्ज कराई कि एक अज्ञात पुरूष की लाश तियरा थाना मोड़ पास सड़क के किनारे गेंहू के खेत में पडी है। पुलिस ने रपट दर्ज करके विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। अभियोजन की आरे से गवाह गोपी, सत्यनारायन, डी वीरेन्द्र सिंह, गंगा प्रसाद, कटियार, रानी देवी, महिपाल, मुश्ताक हैदर, दारोगा एच डी सिंह, सिब्ते असगर, निशीष कुमार पेश किए गए। गवाहों ने अपने बयान में बताया कि मृतक संगम लाल पुत्र मैकू था। बचाव पत्र के सैय्यद शाद अली की बहस एवं तर्क तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के पश्चात न्यायालय ने अपने निष्कर्ष में पाया कि गवाहों के बयान में काफी विभिन्नता है तथा घटना का स्वतंत्र साक्षी नहीं है। हत्या जिस चाकू से की गई थी। उसमें दोनों तरफ धार थी किंतु पुलिस द्वारा बारामद चाकू में एक तरफ ही धार प्रदर्शित है। घटना को मृतक की पत्नी भी साबित नहीं कर सकी।

Posted By: Inextlive