डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीवियर एनिमिक महिला की मदद के लिए बढ़े मददगार

एनजीओ ने आईएमए से मिलकर बी पॉजीटिव ब्लड ग्रुप डोनेट कराया, हालत बेहतर

>BAREILLY:

खून की कमी के कारण मौत की कगार पर पहुंची गंगा को जीवन देने की आई नेक्स्ट की मुहिम रंग ले आई। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के क्राइसिस वार्ड में जिंदगी और मौत के बीच अपने ही शरीर की कमजोरी से लड़ रही गंगा को गैरों ने अपना समझ सहारा दिया है। ट्यूजडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंची दिशा समिति एनजीओ की प्रेसीडेंट पुष्पा गुप्ता ने गंगा को खून दिलाने में बड़ी मदद की। गंगा का ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव है। बुजुर्ग महिला ने सीएमओ डॉ। विजय यादव से मुलाकात की और बी पॉजीटिव ग्रुप के 3 ब्लड यूनिट दिलाने की व्यवस्था की। खून की जबरदस्त कमी के चलते मौत से जूझ रही गंगा की हिम्मत उसके ब्लड ग्रुप की तरह ही पॉजीटिव बनी रही। जिसने उसे बुरे हालात में भी मौत से लड़ने का हौसला दिया।

एक वषर् से पीलिया

कालीबाड़ी निवासी और रिक्शा चालक नंदराम की वाइफ गंगा देवी साल भर से पीलिया की चपेट में थी। बीच बीच में हालत में सुधार होने के बाद पीलिया फिर हावी हो जाता था। इससे गंगा के शरीर का खून लगभग सूख गया था। चेहरे पर उतर आया पीलापन बीमारी संग एनीमिया के गंभीर स्तर की गवाही दे रहा था। बावजूद इसके गरीब गंगा को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में डॉक्टर्स ने सैटरडे और फिर मंडे को भी इलाज के लिए दौड़ाया था। हीमोग्लोबीन 2.6 ग्राम के खतरनाक स्तर पर पहुंचने और हॉस्पिटलाइज्ड होने की सलाह के बावजूद गंगा को इमरजेंसी में एडमिट न किया गया था।

खतरे से बाहर हीमोग्लोबीन

गंगा की जिंदगी बचाने में आईएमए ब्लड बैंक का रोल बेहद अहम रहा है। मंडे को गंगा के एडमिट होने के बाद डॉ। अंशुमान तिवारी ने उसे कम से कम 4 यूनिट ब्लड चढ़ाने की जरूरत बताई। मंडे को ही आईएमए से पति नंदराम एक यूनिट ब्लड ले आया। जिसे चढ़ाने के बाद गंगा का हीमोग्लोबीन लेवल 2.6 ग्राम से बढ़कर 3.4 ग्राम डेसीलीटर हो गया। ट्यूजडे को एनजीओ संचालिका के आईएमए से 3 यूनिट ब्लड की व्यवस्था कराने के बाद गंगा को एक यूनिट खून और चढ़ाया गया। जिसके बाद उसके शरीर में हीमोग्लोबीन का लेवल 5.4 के ऊपर पहुंच गया। हालांकि 12.5 ग्राम के हिसाब से यह अब भी बेहद कम है। लेकिन डॉक्टर के मुताबिक गंगा गंभीर खतरे से फिलहाल बाहर आ रही।

गंगा को आईएमए की ओर से 2 यूनिट ब्लड दिया जा चुका है। 2 यूनिट और ब्लड दिया जाएगा। उनकी गरीबी और डोनर न होने के चलते मदद करना आईएमए की भी जिम्मेदारी है।

- डॉ। अंजू उप्पल, डाइरेक्टर, आईएमए ब्लड बैंक

Posted By: Inextlive