- आरटीओ ऑफिस में डीएम के छापे से मचा हड़कम्प, दर्जनों दलाल पुलिस हिरासत में

- दोनों गेट बंद करवाकर दलालों को दौड़ा-दौड़ाकर पकड़ा गया

- आरटीओ ऑफिस के बाहर दलालों की मेज-कुर्सियां तोड़ीं

-दलालों का अड्डा बनीं आसपास की फोटोकॉपी व टाइपिंग की दुकानें भी सील की गई

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KANPUR : दोपहर के करीब एक बजे होंगे। नीली बत्ती की एम्बेसडर कार सनसनाती हुई आरटीओ ऑफिस में आकर रुकती है। पीछे से डायल-क्00 और काकादेव थाने की पुलिस फोर्स। कोई कुछ समझ पाता, उससे पहले बिजली की रफ्तार से डीएम डॉ। रोशन जैकब कार से उतरीं। सिपाहियों से कहा-जल्दी से गेट बंद करो। इतना हुआ ही था कि समझते देर न लगी कि छापा पड़ा है कैम्पस में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने मेन गेट की तरफ दौड़ लगा दी मगर, बात बनी नहीं। दोनों गेट बंद थे। पुलिस वालों ने दौड़ाकर कइयों को धर दबोचा पकड़े गए लोग कोई और नहीं बल्कि आरटीओ ऑफिस के दलाल थे। जिनकी वजह से आम आदमी महीनों आरटीओ ऑफिस के चक्कर काटता रहता है और लाइसेंस नहीं बनवा पाता। मगर, यही दलाल घूस देकर चुटकियों में लाइसेंस बनवा देते हैं।

ऑफिस के हर कोने में थे दलाल

दलालों का नेक्सेस पूरे आरटीओ कैम्पस में दिखा। एप्लीकेशन फॉर्म या बायोमेट्रिक इम्प्रेशन लेने वाली लाइन हो या स्मार्ट कार्ड और मेडिकल चेकअप वाला एरिया हर कोने में दलाल और उनके गुर्गे मौजूद थे। पुलिस को देखकर वो भागे, लेकिन पकड़े गए। जिस वक्त डीएम ऑफिस के फ‌र्स्ट फ्लोर पर थीं। तभी एक दलाल अपने दोस्त से बोला, मोहित एक-एक करके निकलो। वरना हम भी धर लिए जाएंगे हालांकि, बाहर जाते-जाते वो दोनों भी पकड़े गए। करीब डेढ़ घंटे तक चली कार्रवाई में कई संदिग्ध लोगों को पुलिस ने पकड़ा।

तुम लोग कैसे। कागज दिखाओ?

खुद को छिपाने के लिए कुछ दलाल पब्लिक के बीच जाकर खड़े हो गए। फिर भी बच न सके। डीएम ने हर किसी से वहां आने का कारण पूछा। शक हुआ तो गाड़ी के कागज और डीएल चेक करवाया। कुछ दलाल भीड़ में पीछे खड़े थे। उन्हें चुन-चुनकर पकड़वाया। इस बीच कुछ लोगों ने भागने की कोशिश करी तो डीएम ने सिपाहियों से कहा- जो भाग रहा है, उसको बिल्कुल मत छोड़ना, यह सब ईमानदार होता तो भागता नहीं

कहीं इसमें घूस के पैसे तो नहीं

इससे पहले उन्होंने रिकॉर्ड रूम चेक करने के अलावा अफसरों और कर्मचारियों के केबिन में जाकर डीएम ने एक-एक दराज को खोलकर देखा कि कहीं घूसखोरी या कमीशनबाजी तो नहीं चल रही

फौजी ने की शिकायत

छापे के दौरान पुणे में तैनात आर्मी जवान जितेन्द्र कुमार ने डीएम से एक दलाल की शिकायत की। कहा-मैडम अपने भाई वीरेन्द्र कुमार यादव का लाइसेंस बनवाने के लिए अरविंद कुमार नाम के एक व्यक्ति ने 800 रूपए लिये हैं। आठ महीने बाद भी लाइसेंस नहीं बना। आज बुलाया था लेकिन छापा पड़ा तो वो भाग गया। अब अपना मोबाइल फोन (97भ्ख्000ब्क्8) भी नहीं उठा रहा है। डीएम ने काकादेव एसओ से फोन को सर्विलांस पर लगाकर दलाल को पकड़ने के आदेश दिए।

दलालों की मंडी की तहस-नहस

आरटीओ ऑफिस के बाहर सड़क के दोनों तरफ दलालों की मंडी सजी रहती थी। मगर, छापा पड़ते ही सारे दलाल भाग निकले। बाहर जाकर डीएम ने देखा तो लाइन से लकड़ी के स्टूल और मेज रखे हुए थे। उन पर चेन और ताला पड़ा हुआ था। माजरा समझते डीएम को देर न लगी। उन्होंने पुलिस से सारे स्टूल-मेज मौके पर तोड़ने को कहा। फिर क्या था पुलिस के जवानों ने सारी मेज-कुर्सियां उठा-उठाकर जमीन पर पटकना शुरू किया और दलालों की मंडी तहस-नहस कर डाली।

सारी दुकानें सील कर दो

छापा पड़ते ही ऑफिस के आसपास की दर्जनों फोटोकॉपी दुकानों के शटर गिर गए। शक हुआ तो डीएम वहां गईं। कहा-अगर यह लोग गड़बड़ नहीं थे तो भागे क्यों उन्होंने पुलिस से फौरन सभी दुकानों को सील करने को कहा। वहीं से एसीएम-म् आरपी त्रिपाठी को फोन लगाया। कहा-सभी दुकानों की तलाशी लीजिए, गड़बड़ी मिले तो दुकानदारों पर कार्यवाही करो। इसके बाद डीएम ने पुलिस से कहा कि कोई भी व्यक्ति यहां पन्नी बिछाकर न बैठे अगर आप लोग चाह लेंगे तो दलाल राज खत्म हो जाएगा।

आरटीओ को भी फटकार

कार्रवाई खत्म होने के बाद जब डीएम जाने लगीं। तभी आरटीओ वीके सोनकिया वहां पहुंचे। बोले-मैडम मैं तो मीटिंग में था। पता चला आपने छापा मारा है इस पर डीएम ने उनकी भी क्लास लगा दी। कहा-सिंगल विंडो सिस्टम के बाद भी यहां दलालों का राज है। जब हम लोग यहां आया तो दो हजार लोग था अब देखो कैम्पस खाली हो गया है यहां कई दलाल भाग निकले और यह सब आपके रहते हुए हो रहा है। फिर बोलीं- ऐसे छापे आगे भी पड़ते रहेंगे। यह सुनकर आरटीओ बगले झांकने लगे।

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आखिर उनको दलाल क्यों नहीं दिखते.?

आईटीओ ऑफिस में एक आरटीओ और म् एआरटीओ बैठते हैं पर इन लोगों को दलाल क्यों दिखाई नहीं देते।

महज दो घंटे में जहां डीएम को इतने सारे दलाल मिल गए.लेकिन जिनका ऑफिस है उन्हें किसी भी दिन कोई दलाल नहीं दिखा । हैरानी की बात यह है कि दलालों की सारी गतिविधियां तब जारी हैं जबकि आरटीओ ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

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मौके पर छोड़ा

रेल बाजार निवासी शराफत अली अपने बड़े भाई लियाकत अली के साथ लाइसेंस बनवाने आए थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उन्हें भी गाड़ी में बैठा लिया। कार्रवाई के दौरान वह अपने भाई को निर्दोष बताते रहे। उन्होंने डीएम से हाथ जोड़कर कहा कि मैडम भाई का बीपी हाई हो रहा है। तबीयत भी बिगड़ रही है। वह निर्दोष हैं, प्लीज उन्हें छोड़ दीजिए। फॉर्म इस पर डीएम ने उन्हें छोड़ दिया। इसी तरह आवास-विकास निवासी चन्द्रमणि चौबे अपने दोस्त संतोष सिंह की पैरवी की। इस पर डीएम ने कहा कि कोई भी निर्दोष नहीं फंसेगा। थाने में पूछताछ के बाद ठीक मिलेगा तो उसे छोड़ दिया जाएग।

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भाई अपनी तो फुल हो गई

संदिग्ध लोगों को पकड़कर पुलिस ने गाड़ी में बैठाया जा रहा था। तभी एक सिपाही डायल-क्00 कार के ड्राइवर से बोला, तुम्हारी गाड़ी में जगह है क्या कुछ और पकड़े गए हैं, उन्हें बैठाना है। इस पर ड्राइवर हंसते हुए बोला, भाई अपनी तो गाड़ी फुल हो गई है। अब बाकियों को दूसरी जीप में बैठाओ

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सबसे ज्यादा पब्लिक खुश

डीएम की छापेमारी से सबसे ज्यादा खुश पब्लिक हुई। लोगों का कहना था कि इसी तरह क्0-ख्0 छापे पड़ जाएं तो दलाल-राज खत्म हो जाए। हालांकि, एक व्यक्ति ने यह भी कहा कि दलालों की मिलीभगत यहां के बाबुओं-अफसरों से है। पकड़े गए दलालों से सख्ती से पूछताछ की जाए तो ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की पहचान उजागर होगी। उन्हें भी सस्पेंड करवाना चाहिए।

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वर्जन-वर्जन

कई दिनों से पब्लिक की शिकायतें आ रही थीं। सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम चलाया है। फिर भी यहां दलाल भरे पड़े थे। सिस्टम ठीक से नहीं चल रहा। कुछ ऑफिस कर्मचारियों की मिलीभगत की भी सूचना है। उनकी कार्यशैली भी ठीक नहीं है। इसकी विभागीय जांच करवाकर एक्शन लिया जाएगा। जिससे व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा सके।

- डॉ। रोशन जैकब, डीएम

Posted By: Inextlive