पब्लिक की पैसे की ऐसे होती है बर्बादी
पहले सड़कों के चौड़ीकरण पर बहाए अरबों, अर्द्धकुंभ के लिए इन्हें फिर से उखाड़ने की तैयारी
ALLAHABAD: हर बार अर्द्धकुंभ और कुंभ से पहले शहर की सड़कों को उखाड़ा जाता है और फिर बनाया जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही करने की प्लानिंग है। पीडब्ल्यूडी ने संगम मेला क्षेत्र के साथ ही पुराने शहर से जुड़ी कई सड़कों को चौड़ा करने की तैयारी कर ली है। इस तोड़फोड़ में पटरियों और सड़कों को उखाड़ा जाएगा, जिसमें खर्च हो चुके अरबों रुपए के धन की बर्बादी होगी। बार-बार तोड़-फोड़ क्यों -2007 में हुए अर्द्धकुंभ और 2013 में हुए कुंभ मेला के दौरान हुई थी सड़कों की मरम्मत। -400 करोड़ रुपए खर्च किए थे पीडब्लूडी ने। -50 से 60 करोड़ रुपए नगर निगम ने किए थे खर्च। -बीच में कई बार हो चुका है मरम्मत के नाम पर खर्च।इन सड़कों का होना है चौड़ीकरण इतना हो चुका है खर्च
1. लीडर रोड अर्द्धकुंभ 2007 और कुंभ मेला 2013 के पहले मरम्मत पर 20 करोड़ खर्च। इसके अलावा मरम्मत के नाम पर एक से दो करोड़ रुपया हुआ है खर्च। 2. हीवेट रोड 2006-2012 में करीब 6 करोड़ रुपया हो चुका है खर्च 3. खुल्दाबाद से जानसेनगंज-अर्द्धकुंभ 2007 से लेकर कुंभ 2013 के दौरान कई बार बनीं पुराने जीटी रोड की सड़क। नगर निगम ने इंटर लॉकिंग के लिए खर्च किए करीब दो करोड़ रुपए।
4. जवाहर लाल नेहरू रोड पिछले 12 वर्ष में मरम्मत व निर्माण के नाम पर खर्च हो चुके हैं 20 से 25 करोड़ रुपए। 5. एमजी रोड अर्द्धकुंभ और कुंभ के लिए किया गया था खास तौर पर तैयार। 6. बाघम्बरी गद्दी रोड इस सड़क पर भी करोड़ों रुपया हो चुका है खर्च। और अधिकारी यह कहते हैं 2007 के अर्द्धकुंभ और 2013 के कुंभ मेला के बाद शहर की आबादी काफी बढ़ी है। इस अर्द्धकुंभ में अधिक भीड़ आने की उम्मीद है। डिवाइडर बनने के बाद मेला क्षेत्र से जुड़ी सड़कें और संकरी हो गई हैं, इसलिए इन्हें चौड़ा करना जरूरी है। इसे पैसे की बर्बादी नहीं कहा जा सकता है। -एके द्विवेदी, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी हर बार मेला में भीड़ अधिक उमड़ेगी ही, शहर की आबादी बढ़ेगी ही। तोड़फोड़ करते हुए पैसे की बर्बादी करना इसका समाधान नहीं है। भीड़ को नियंत्रित करने की प्लानिंग की जानी चाहिए। ट्रैफिक मैनेजमेंट का बेहतर सिस्टम बनाना चाहिए, ताकि ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सके। -अभिलाषा गुप्ता, निवर्तमान मेयरशहर की सड़कों को बनवाना पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी है। शासन के आदेश पर अतिक्रमण और अवैध कब्जा हटाते हुए कार्रवाई करना एडीए और एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी है।
पीएन यादव, संयुक्त सचिव, एडीए पीडब्ल्यूडी-एडीए ने संगम जाने वाली रोड को चौड़ा करने के लिए जिन लोगों को नोटिस दिया है, वे पहले से पीछे हैं। बिजली के खंभे के पीछे हैं। अगर रोड चौड़ी होगी तो क्या सभी खंभे भी हटाए जाएंगे। अगर नहीं हटाए जाएंगे तो फिर इस तोड़फोड़ और पब्लिक के पैसे की बर्बादी का क्या मतलब है। -धीरेंद्र सिंह, व्यापार मंडल महामंत्री सोहबतियाबाग एक बार पटरी बनाने में काफी समय और पैसा खर्च होता है, ऐसे में पटरी को उखाड़ कर सड़क बनाना, कहीं से उचित नहीं है। बाघम्बरी रोड पर लाखों रुपया इंटर लॉकिंग के लिए खर्च हुआ है। पटरी उखाड़ी गई तो फिर खर्च हुआ पैसा बर्बाद होगा। राजू निषाद, बाघम्बरी रोड एडमिनिस्ट्रेशन के साथ ही गवर्नमेंट को भीड़ और ट्रैफिक कंट्रोल का सिस्टम बनाना चाहिए। तोड़फोड़ करने से कोई रास्ता निकलने वाला नहीं है। पटरी खत्म कर रोड चौड़ा किया जाएगा तो हादसा और अधिक होगा। पैदल चलने वाले लोग कहां चलेंगे। एक्सीडेंट अधिक होंगे। कमलेश सिंह, समाज सेवीपुराना जीटी रोड यानी चौक एरिया हमेशा से बस केवल तोड़फोड़ ही देखता आया है। मेला से पहले सड़क बनाया जाता है, जो चंद दिनों में ही क्षतिग्रस्त हो जाता है। चौक में अगर अतिक्रमण हट जाए तो जाम की समस्या समाप्त हो जाए। इसके लिए तोड़फोड़ करने की कोई जरूरत नहीं है।
दिनेश सिंह, चौक