अहंकार बढ़ा रहा रिश्ते में दरार, टूट रहे परिवार
JAMSHEDPUR: लौहनगरी में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं. पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर आपसी मनमुटाव हो रहा है और बात फैमिली कोर्ट तक पहुंच रही है. पिछले साल हर महिने औसतन 10 से ज्यादा लोगों ने तलाक लिए. हर काउंसलर के पास हर महीने 20-22 केसेज आ रहे हैं. जिला कोर्ट मिडिएटर एडवोकेट केके सिन्हा ने बताया कि जिला न्यायलय में कुल आठ मिडिएटर (चार मिडिएटर व चार ट्रेनी मिडिएटर) हैं. आठों मिडिएटर के पास तलाक से संबधित 160 मामले हर महिने आ रहे हैं. इनमें अधिकतर मामले का सेटेलमेंट कर उसे सॉल्व कर दिया जाता है और नौबत तलाक तक नहीं पहुंचती है.
आवेश में फैसलाचंद मिनट के गुस्से में किए गए फैसले परिवार और जिंदगी को तबाह कर देते हैं. काउंसलर केके सिन्हा के मुताबिक अक्सर लोग आवेश में आकर ऐसा फैसला कर लेते हैं, जिससे उन्हें बाद में पछतावा होता है. कई बार खाने को लेकर, फोन पर मायके ज्यादा बात को लेकर, पति-पत्नी के बीच मामूली कहासूनी, पत्नी का मायके में रुक जाना, पति का ज्यादा पढ़ा न होना, अवैध संबंध तलाक की वजहें बन रहे हैं.
घातक है आज का कल्चरकाउसंलर ने बताया कि जरा-जरा सी बातों पर लोग तलाक लेने पहुंच जाते हैं. शॉपिंग पर लेट पहुंचने पर दे रहे तलाक घातक है आज का कल्चर आज समाज में जिस तरह का कल्चर है, वो रिश्तों के लिए घातक बन रहा है. ऐसे तलाक देने की सबसे बड़ी वजह एक दूसरे के लिए समय न होना, परस्पर विश्वास की कमी, गुस्से पर कंट्रोल न करना आदि हैं. रिश्तों में जो भरोसा होना चाहिए वो नहीं है. इसकी मुख्य वजह लोग आज भौतिक सुख की कल्पना में जी रहे हैं. अच्छी नौकरी, गाड़ी, पैसा, घर ही देखा जाता है. रिश्ते से ज्यादा इन सभी चीजों को महत्व दिया जाता है. भावनात्मक रिश्तों की कमी हो रही है. अगर लोग एक दूसरे के इमोशन्स को समझें तो यह समस्या दूर हो जाएगी.
किस महीने कितने तलाक महीना केस जनवरी 22 फरवरी 20 मार्च 10 अप्रैल 10 मई 09 जून 09 जुलाई 17 अगस्त 18 सितंबर 05 अक्टूबर 12 नवंबर में 11 दिसंबर 10 कुल तलाक के मामले - 152 (वर्ष 2018 के आंकड़े) तलाक की प्रमुख वजहें 1. पति-पत्नी के रिश्ते में मां-बाप का ज्यादा दखल. 2. आपसी मतभेद 3. अहंकार 4. पति-पत्नी में कमाने के लेकर असमानता. 5. छोटी फैमिलीतलाक के अधिकतर मामले आपसी मतभेद और इगो की वजह से हो रहे हैं. शुरुआत में दोनों ही एक-दूसरे की कमियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन समस्या बढ़ने पर एक-दूसरे से अलग होने का फैसला कर लेते है. तलाक के लिए आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी और मॉर्डन कल्चर सबसे अधिक जिम्मेदार है. आज अगर महिला या पुरुष को रिश्ते में सम्मान नहीं मिलता है, तो वे तलाक का रास्ता चुनते हैं.
डॉ मोहन कुमार, मनोचिकित्सक तलाक के मामले बढ़ गए हैं. सबसे पहले तलाक के मामले को सेटल करवाने की कोशिश करते हैं, जिससे कि तलाक नहीं हो. लेकिन कई मामलों में तलाक ही अंतिम विकल्प होता है. मेरे पास हर महीने तलाक से संबंधित 20-22 केसेज आते हैं. -केके सिन्हा, मिडिएटर, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, जमशेदपुर