गोव‌र्द्धन पूजा दीपावली पांच दिवसीय उत्सव के रूप में मनाई जाती है जिसकी शुरुआत धनतेरस हो जाती है। दूसरे दिन दीपावली मनाई जाती है। दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गिरिराज गोवर्धन पूजा की पूजा की जाती है।


कानपुर। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस पर्व को सबसे ज्यादा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और लीलाभूमि यानी मथुरा, काशी, गोकुल, वृंदावन में मनाया जाता है। जो इस वर्ष गुरुवार 8 अक्टूबर 2018 को पड़ रहा है।

ऐसे करें पर्वतराज गोवर्धन को प्रसन्नइस दिन प्रभात के समय मकान के द्वार देश में गौ के गोबर का गोवर्धन बनायें। शास्त्र में उसको शिखर प्रयुक्त, वृक्ष-शाखादि से संयुक्त और पुष्पादि से सुशोभित बनाने का विधान है, किन्तु अनेक स्थानों में उसे मनुष्य के आकार का बनाकर पुष्पादि से भूषित करते हैं। फिर उसका गन्ध-पुष्पादि से पूजन अर्चन करके अन्न और मिष्ठान का भोग लगाते हैं।

इन मंत्रों का करें जाप'गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।


विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव।।' से प्रार्थना करें।

इसके बाद भूषणीय गौओं का आवाहन करके उनका यथा-विधि पूजन करें और ' लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु।।' से प्रार्थना करके रात्रि में गौ से गोवर्धन का उपमर्दन करायें।


ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र

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Posted By: Chandramohan Mishra