RANCHI :स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट जब शुरू हुआ तो लोगों को थोड़ा अजीब लगा कि अब हमारे शहर में नया क्या होगा। लेकिन समय के साथ बदलाव जरूरी है। इसी कड़ी में देश के 100 से अधिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप करने की योजना बनाई गई। वहीं काम भी तेजी से शुरू कर दिया गया, जहां पर हर जरूरी सुविधाएं 24 घंटे अवेलेबल होंगी। इस प्रोजेक्ट को कुछ ने सही भी माना और कुछ अब भी इसके विरोध में हैं। ऐसे में राजनी-टी के तहत सिटी के रांची क्लब स्थित रोटरी क्लब के मिलेनियल्स ने स्मार्ट सिटी पर अपने विचार रखे। 9 सितंबर, 2017 को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई तो ऐसा लगा कि देश की सूरत बदल जाएगी। वाइस प्रेसीडेंट एम वेंकैया नायडू ने रांची में 656 एकड़ में बनने वाले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी किया। धुर्वा में एचईसी मुख्यालय के पास देश की पहली ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी की नींव रखी गई। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मतलब ऐसा शहर जहां तमाम सुविधाएं हों। रहने के लिए मकान, चलने के लिए सड़क, वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बिजली, स्वच्छता, एजुकेशन, जॉब सब कुछ। रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तेजी के लिए भी अवार्ड मिल चुका है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा भी होगा, चूंकि इससे शहर का हर आदमी जुड़ा है।

मिलेनियल्स स्पीक्स

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अगर सच में धरातल पर उतरता है तो सबकुछ बदल जाएगा। इसके तहत हमारे शहर के साथ ही देश का भी तेजी से विकास होगा। जॉब, बेटर एजुकेशन सिस्टम, बेसिक हेल्थ फैसिलिटी भी होगी तो लोगों को और क्या चाहिए। इसका एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि रांची की वजह से देश डेवलप कंट्री की लिस्ट में शामिल होगा। पर सबसे बड़ा सवाल यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा।

सौम्या तिवारी

सिटी के डेवलपमेंट और डिमांड के हिसाब से स्मार्ट सिटी की जरूरत है। यह हर तरह से चाहे ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम हो, कामर्शियल प्रॉपर्टी हो, न्यू जॉब अपाच्र्युनिटी या ब्यूटीफिकेशन की बात हो उसके हिसाब से पूरी तरह फिट है। प्रोजेक्ट तो शुरू हो चुका है लेकिन जब धरातल पर उतर जाए तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। लेकिन काम की रफ्तार को लेकर यह मुद्दा गरमाया रहेगा।

दीपाली श्रीवास्तव

किसी भी शहर के डेवलपमेंट के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बेहतर कदम साबित होगा और आज की जरूरत भी है। इससे हमारे सिटी में कई चीजें बदल जाएंगी। इसमें ट्रांसपोर्टेशन और हॉस्पिटैलिटी भी बेहतर होगी। इस प्रोजेक्ट से देश डेवलप होगा और हमारा इकोनॉमिक ग्रोथ भी तेजी से होगा। इस बार चुनाव में यह मुद्दा इसलिए होगा कि दूसरी जगहों को भी सेलेक्ट करना चाहिए था।

प्रकाश मोदक

स्मार्ट सिटी तो नाम से ही लगता है कि कुछ अलग होगा। इससे हमारे शहर की शान बढ़ेगी ही। वहीं देश का भी नाम रोशन होगा। और सबसे बड़ी बात 100 स्मार्ट सिटी में हमारा शहर भी शामिल है। लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में कितना समय लगेगा यह तय नहीं हो पाया है। इस बार चुनाव में यह मुद्दा इसलिए उठाया जाएगा कि काम में तेजी नहीं आएगी तो योजना धरातल पर कब उतरेगी।

मयंक अग्रवाल

स्मार्ट सिटी तो जब पूरी तरह तैयार होगा तो यह देखने लायक होगा। जिस तरह से चर्चा हो रही है तो उससे इतना साफ है कि सुविधाएं बेहतर मिलेगी। लेकिन क्राइम कंट्रोल, लाइट्स, प्रॉपर प्लानिंग सबकुछ होना चाहिए। इन्वायरमेंट के लिए भी इसमें क्या प्लानिंग होगी यह तो बाद में पता चलेगा। लेकिन सरकार इसपर गंभीरता से विचार करे तो काम तेजी आएगी।

श्रेय जालान

शहर के लिए यह अच्छा प्रोजेक्ट है। इसकी प्लानिंग फ्यूचर को देखते हुए होनी चाहिए। सोसायटी के पुअर सेक्शन को भी इसका फायदा मिले तो बेहतर होगा। इसके अलावा प्लानिंग और मेंटेनेंस में ट्रासपेरेंसी बहुत जरूरी है। साथ ही लोगों के फीडबैक और ओपन फोरम भी हो, ताकि स्मार्ट सिटी स्मार्ट रहे।

निखिल अग्रवाल

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बेटर गवर्नेस की पहचान है। इससे हमारे सिटी में इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। इस सिटी में चारों ओर सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम होगा। इससे क्राइम की संभावना नहीं के बराबर होगी। हालांकि कैमरे की वजह से प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। वहीं इलेक्ट्रानिक सिस्टम पर अधिक डिपेंड हो जाएंगे।

अंकित पचेरीवाला

स्मार्ट सिटी तो बन रहा है। जब यह पूरी तरह से कंप्लीट होगा तो उसमें बेहतर सुविधाएं देने की बात हो रही है। लेकिन कुछ बातें उसमें भी फोकस करने की जरूरत है। सफाई के साथ प्रॉपर वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, ट्रैफिक व अन्य जरूरी सुविधाएं भी होंगी। अगर पूरे शहर को इस तर्ज पर डेवलप किया जाता तो बात ही कुछ और थी।

रेसु राजगढि़या

कड़क मुद्दा

स्मार्ट सिटी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तो तैयार हो रहा है, जिससे कि शहर की क्षमता भी बढ़ेगी। इसके अलावा यहां रहने वाले लोगों का लिविंग स्टेटस भी हाई होगा। इसके अलावा लंबे समय तक के लिए प्लानिंग में भी इसकी अहम भूमिका होगी। सिटीजंस के अलावा लोकल लेवल पर भी डेवलपमेंट में तेजी आएगी। लेकिन यह काम कब पूरा होगा इसे लेकर मुद्दा फिर बनेगा। चूंकि हमारी सिटी का पूरा फोकस अब स्मार्ट सिटी की ओर ही है। जहां पर हर सुविधा एक कदम पर ही होगी। इसके अलावा हॉस्पिटल, एजुकेशन हब और जॉब भी लोगों के लिए उपलब्ध होंगे।

राहुल राजगढि़या

मेरी बात

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भले ही 100 शहरों में शुरू हुआ। लेकिन यह प्रोजेक्ट हमारे सिटी के लिए इकोनॉमी बदलने वाला साबित होगा। इससे हेल्थ सिस्टम दुरुस्त होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में तेजी आएगी। यूथ के लिए जॉब की अपाच्र्युनिटी बढ़ेगी। इतना ही नहीं, इस प्रोजेक्ट से हमारे दूसरे शहरों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। साथ ही वैसे शहर जो खुद को इस कैटेगरी में शामिल करना चाहते हैं उन्हें भी क्राइटेरिया के हिसाब से काम करने की जानकारी मिलेगी।

प्रवीण राजगढि़या

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

दो साल पहले इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ। अबतक करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। लेकिन कहीं भी धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। भले ही स्मार्ट सिटी की नींव रख दी गई है। जब धरातल पर योजना ही दिखाई न दे तो इसके भविष्य को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। सरकार को इसे लेकर गंभीर होने की जरूरत है। वरना योजनाएं तो हजारों बनती हैं, पर सब पेपर में ही रह जाती हैं। सरकार के पास काम करने का प्रॉपर विजन ही नहीं है। इसके अलावा एक बात जो है कि केवल धुर्वा को ही स्मार्ट सिटी डेवलप करने के लिए क्यों चुना गया। जबकि सिटी में कई ऐसे इलाके हैं जिसे डेवलप किया जाता तो आसपास के लोगों की भी किस्मत बदल जाती।

Posted By: Inextlive