PM के प्रोग्राम की तैयारी में उजड़ गया DLW ग्राउंड, बहा रहा है अपनी बदहाली पर आंसू

प्लेयर्स ने प्रैक्टिस और सुबह सेहत बनाने वालों ने मैदान से किया किनारा

VARANASI : कल तक मैं बहुत इतराता था। मुझे घमंड था अपनी ग्रीनरी पर। मैंने कई बड़े प्लेयर्स को अपने सीने पर प्रैक्टिस कराने के बाद देश के लिए खेलने का वो जज्बा दिया जिसने बनारस का सिर फक्र से ऊंचा किया, लेकिन आज मैं उदास हूं। मेरे सीने पर इतने जख्म हैं कि इससे उठ रहे दर्द को मैं बयां भी नहीं कर सकता। दुख इस बात का है मेरी चीखों को मेरे अपने अनसुना कर रहे हैं। सब कुछ देखकर भी अनजान बने हुए हैं। ये दर्द किसी इंसान का नहीं बल्कि डीएलडब्लू के उस मैदान का है जहां पिछले दिनों पीएम नरेन्द्र मोदी की जनसभा होनी थी। पीएम की इस जनसभा के लिए इस मैदान को एक महीने के अंदर दो बार उजाड़ा गया। पहली बार तो सिर्फ हल्के फुल्के तंबू कनात का बोझ मैदान पर डाला गया लेकिन दूसरी बार तो हद ही हो गई। खिलाडि़यों का मंदिर कहे जाने वाले इस ग्राउंड को वीआईपी जनसभा के लिए इस कदर बर्बाद किया गया कि अब मैदान खुद अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और इस आंसू को पोछने वाला कोई नहीं है।

25 दिसंबर से उजड़ा है ग्राउंड

डीएलडब्ल्यू ग्राउंड को पीएमओ और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन पीएम के लिए सुरक्षित मानता है। यही वजह है कि इस ग्राउंड को जनसभा के लिए बार बार उजाड़ा गया। सबसे पहले 25 दिसम्बर 2014 को ग्राउंड को तब तहस नहस किया गया जब पीएम ने यहां से डीजल रेल कारखाने के विस्तारीकरण का शुभारम्भ किया था। उसके बाद 28 जून को जब पीएम ट्रॉमा सेंटर के इनॉगरेशन और इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम का शुभारम्भ करने के लिए आने वाले थे। लेकिन बारिश के कारण दौरा कैंसिल हो गया था। 16 जुलाई को एक बार फिर करोड़ों की लागत से पंडाल बनाने के लिए ग्राउंड को खेलने लायक नहीं छोड़ा गया। मोदी का प्रोग्राम इस बार भी कैंसिल हो गया। ऐसे में जब स्पो‌र्ट्स ग्राउंड में इस तरह के प्रोग्राम ही होते रहेंगे तो प्लेयर्स का भला कैसे होगा? ये सवाल आज हर कोई एक दूसरे से पूछता फिर रहा है।

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Posted By: Inextlive