-स्कूल अस्पताल के पास हो सिगरेट की दुकान तो करें पुलिस से शिकायत

- तंबाकू के बढ़ते नुकसान को रोकने में करें योगदान

LUCKNOW: कदम बढ़ाएं और तंबाकू के बढ़ते प्रयोग के खिलाफ आवाज उठाएं। यदि कोई पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करता नजर आए तो उसकी पुलिस में कंपलेन करें या फिर विभाग के बड़े अधिकारी से लिखित शिकायत करें। शिकायत मिलने के बाद कोटपा कानून के तहत अधिकारियों को कार्रवाई करनी ही होगी।

कोई नहीं बचेगा

स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल के स्टेट कंसल्टेंट सतीश त्रिपाठी ने बताया कि कानून बनने के बाद अब अधिकारियों को कार्रवाई करनी होगी। कोई इससे बच नहीं सकता है। अगर आपके आस-पास कोई कोटपा कानून का उल्लंघन करता नजर आता है तो आप लिखित पुलिस में कंपलेन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर वहां भी समस्या सॉल्व नहीं होती तो फिर स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

डीआईओएस ने लिखा पत्र

डीआईओएस ने जिले के सभी स्कूलों को पत्र लिखकर परिसर में या आस-पास गुटखा व सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन, स्कूलों ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्कूल शिकायत करते हैं कि वह अपने स्कूल के बाहर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। सतीश त्रिपाठी ने बताया कि स्कूलों को पुलिस के पास कंपलेन करनी चाहिए।

सरकारी छूट न पड़े भारी

यूपी में इस समय सिगरेट पर ख्भ् परसेंट व अन्य तंबाकू उत्पादों पर फ्0 परसेंट और बीड़ी पर क्फ्.भ् परसेंट टैक्स लगता है। वहीं, राजस्थान में सिगरेट पर म्भ् परसेंट और बिहार व वेस्ट बंगाल में फ्0 परसेंट टैक्स है। प्रदेश सरकाने में जून ख्0क्फ् में टैक्स बढ़ाकर भ्0 परसेंट किया था लेकिन टोबैको लॉबी के दबाव में फिर से ख्भ् परसेंट कर दिया। इसका नुकसान आने वाले समय में युवा पीढ़ी को उठाना पड़ेगा।

कमाई से छह गुना ज्यादा खर्च

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के मुताबिक सालभर में भ्7म्8 करोड़ रुपए टोबैको के प्रोडक्ट्स से आया। जबकि, इनके कारण होने वाली सिर्फ कार्डियोवैस्क्युलर डिसीजेज, ओरल कैंसर और क्रोनिक लंग कैंसर के मरीजों के इलाज में फ्0,8फ्फ् करोड़ रुपए खर्च हुआ। यानी टैक्स की कमाई के मुकाबले छह गुना ज्यादा इलाज का खर्च दर्ज किया गया।

पैसिव स्मोकिंग है खतरनाक

केजीएमयू के डॉ। वेद प्रकाश ने बताया कि अगर आप फेमिली मेंबर्स या दोस्तों के बीच स्मोकिंग करते हैं तो आप उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं। क्योंकि स्मोकिंग से जितना आपको खतरा होता है उससे ज्यादा आपके फैमिली मेम्बर्स, बच्चों और अन्य लोगों को खतरा हो सकता है। इसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं। उनके भी फेफड़े कमजोर होते हैं और सीओपीडी व कैंसर जैसी समस्याएं होती हैं। बहुत सी महिलाएं सांस की बीमारियां लेकर आती हैं लेकिन वे खुद स्मोकिंग नहीं करती। उनके घर के लोग स्मोकिंग करते हैं और महिलाओं को बीमारी देते हैं।

Posted By: Inextlive