नहीं मिल सकी किताबें, यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूते व मोजे

अप्रैल से सत्र शुरू होने के बावजूद नहीं पहुंची किताबें

Meerut। प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को नए सत्र में बिना किताब, यूनीफार्म, बैग, जूते व मोजों के ही स्कूलों जाना होगा। वजह समय से नई किताबें उपलब्ध कराने के विभागीय दावों की हवा निकल चुकी हैं, अप्रैल से सत्र शुरू होने के बावजूद अभी तक भी नई किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। बीएसए सतेंद्र सिंह ढाका ने कहा कि किताबें शासन की ओर से नहीं पहुंच पाई हैं। इस हफ्ते में वितरण करने की पूरी कोशिश करेंगे।

पुरानी किताबों का सहारा

लाख कवायदों के बावजूद शासन स्तर से स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। ऐसे में पठन-पाठन के लिए एक से पांचवीं तक के बच्चों को पुरानी किताबों पर ही निर्भर रहना होगा। शासन की ओर से इस संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए थे। हालांकि नए सत्र के शुरुआती हफ्ते में ही विभाग की ओर से किताबें, यूनीफार्म, स्कूल बैग व जूते व मोजे आदि के वितरण का दावा किया जा रहा है।

नहीं पूरे हुए निर्देश

शासन स्तर से शिक्षा विभाग को स्कूल खुलने से पूर्व तमाम तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन स्कूलों की ओर से निर्देश पूरे नहीं किए गए हैं। इस संबंध में स्कूलों से एलपीजी सिलेंडर की रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अभी तक संबंधित सूचना नहीं दी गई है। इसके अलावा कई स्कूलों में रंगाई-पुताई का काम भी नहीं किया गया है। वहीं पेयजल और फर्नीचर की व्यवस्था आधी -अधूरी है।

सात जुलाई को मनेगा वन महोत्सव

यूपी बोर्ड का सत्र आज से शुरू, व्यवस्थाओं पर विभाग रखेगा नजर

शैक्षिक पंचाग के अनुसार स्कूलों में होगी गतिविधियां

सीबीएसई और माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूल आज से खुलेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के लिए शैक्षिक पंचांग पहले ही जारी कर दिया गया है। आगामी 7 जुलाई को वन महोत्सव का आयोजन होगा। इसके तहत स्कूलों में पौधरोपण होगा। वहीं स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन पत्र भरे जाएंगे। स्टूडेंट्स के लिखित कार्य की जांच होने के साथ ही स्काउटिंग के दल का पंजीकरण किया जाएगा। इसके अलावा मासिक परीक्षाओं का भी आयोजन होगा। जुलाई के पहले हफ्ते में शैक्षिक पंचांग विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। वहीं प्रतिभाशाली और कमजोर स्टूडेंट्स की पहचान कर उनके लिए रेमिडियल क्लासेज का आयोजन किया जाएगा।

शिक्षा विभाग करेगा चेकिंग

समर वेकेंशन के दौरान स्कूलों में होने वाली गतिविधियों को लेकर शिक्षा विभाग चेकिंग करेगा। साफ-सफाई के साथ ही रंगाई-पुताई व फर्नीचर आदि का भी परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में पूरे साल कम से कम 220 दिन शिक्षण कार्य अवश्य कराया जाएगा। इसके लिए नोडल ऑफिसर भी नामित किया जाएगा।

स्कूलों को शैक्षिक पंचांग से कार्य करना होगा। इसके अनुपालन का निरीक्षण विभाग करवाता रहेगा।

गिरजेश कुमार चौधरी, डीआईओएस, मेरठ

कस्तूरबा गांधी स्कूलों का होगा कायाकल्प

शासन ने मांगी सूचनाएं, साक्ष्यों के साथ सात दिन के अंदर भेजनी होगी

5 स्कूल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय योजना के तहत मेरठ जनपद में हैं।

100 छात्राएं एक स्कूल में पढ़ती हैं।

500 छात्राएं इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

लड़कियों के लिए शासन की ओर से चल रहे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के भवनों को अपनी बदहाली से जल्द ही निजात मिल सकती हैं। इन स्कूलों के कायाकल्प के लिए शासन ने स्कूलों की उच्च स्तर पर समीक्षा शुरू कर दी हैं। इसके लिए राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से सभी स्कूलों से उनके भवनों की रिपोर्ट मांगी गई है। केजीबीवी के कोर्डिनेटर संतोष गोयल ने बताया कि हमसे स्कूलों के बारे में सूचना मांगी गई है। सभी सूचना शासन को भेजी जा रही हैं। इसका उद्देश्य इन स्कूलों की सही स्थिति का अवलोकन करना है।

रिपोर्ट के साथ भेजने होंगे सुबूत

शासन की ओर से मांगी गई केजीबीवी की भवन समीक्षा में स्कूलों की ओर से गड़बड़ न हो, या स्कूल किसी भी तरह से गलत सूचना न भेजे इसके लिए विभाग ने बकायदा सुबूतों की भी मांग की है। सभी सूचनाओं के एक हफ्ते के अंदर विभाग को साक्ष्यों के साथ भेजनी होगी। शासन को सही रिपोर्ट मिले इसके लिए विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर भी किए जाने जरूरी हैं।

यह मांगी है रिपोर्ट

स्कूलों में फर्शो की स्थिति

दीवार और छतों की स्थिति

शौचालय और पेयजल की स्थिति

लाइट की व्यवस्था क्या है

स्कूल अपनी या किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं

किराए की बिल्डिंग में चलने का कारण क्या है।

हैंड ऑवर होने के बाद स्कूलों की क्या स्थिति है

स्कूलों में धनराशि की स्थिति क्या है व कितनी राशि देनी शेष हैं।

स्कूल का नाम व धनराशि अवशेष होने का कारण भी बताना होगा

स्कूल में बाउंड्री वॉल की क्या स्थिति हैं

Posted By: Inextlive