रात में सोए तो बन जाओगे पत्थर?
"अब आप इसे बकवास समझें तो समझते रहें पर मैं सच कह रहा हूं कि बाराबंकी में 2 लोग रात में सोए और पत्थर बन गए. मैं फिर से कह रहा हूं कि रात में सोना नहीं". कुछ इसी तरह के स्टेटस लोग फेसबुक पर अपडेट करते रहे.
इस अफवाह में कहा जा रहा था कि जो भी आज की रात सोएगा वो पत्थर बन जाएगा और अगर पत्थर नहीं बनना है तो रात भर जागते रहो. आशचर्य की बात है कि लोग रात भर जागते भी रहे और अपने जानने पहचानने वालों और रिश्तेदारों को भी फोन करके जगा दिया. मतलब कि न्यू इयर के पहले दिन लोग आंधी पानी से नहीं सोए और दूसरे दिन इस पत्थर फोबिया से.
हमारे कुछ रीडर्स ने फोन करके बताया कि वे रात भर जगे और कन्फर्म करने की कोशिश करते रहे. बनारस की रहने वाली मुनमुन मिश्रा कहती हैं कि उन्होने अपने दोस्तों से रात भर बात की और इस तरह उन्हे भी जगाए रखा. कुछ यही कहना था गोरखपुर में बैंक में नौकरी करने वाले अभिषेक का. कानपुर के अनुराग तो लोगों को यह बताने में सारी रात जगे कि यह एक अफवाह है और लोगों को इस तरह की अफवाहों में नहीं पड़ना चाहिये. उन्नाव के हेमन्त कुमार ने अपने रात 3 बजे के स्टेटस अपडेट में लिखा- "Abhi abhi khabar udi hai ki unnao distric ke baduaakhera mein teen log patthr ke ho gye hain...plz jaagte rahiyega". यह पूछने पर कि क्या इसे अफवाह नहीं कहा जाना चाहिये मुममुन मिश्रा कहती हैं - हां यह एक कोरी बकवास है पर इसकी बात मान कर रात भर जगने का अपना ही मजा है. हमें तो एक बहाना चाहिये बस.
सुबह जगा तों सुना............कोई अफ़वाह थी ...पत्रकारों और जागरूक नागरिकों में होड सी लगी है की "वों" सारी रात जागे......रात सोने के लिए ही होती है, भाई.खैर,अगर "मौत" के आने का ये तरीका हो की हम रात में "पत्थर" बन जाएँ.....तों क्या ही बेहतर हो ????जन्म-मृत्यु, हर्ष-विषाद, दुःख-दर्द, बीमारी-नर्सिंग होम के सभी बवालों से एक बार में मुक्ति....हज़ारों-हज़ार योजनाएं भी एक ही झटके में अधर में....
वैसे यह अफवाह केवल कानपुर, रायबरेली, बाराबंकी, गोण्डा, सुल्तानपुर, बहराईच जैसे छोटे शहरों में ही नहीं फैली बल्कि कैपिटल लखनऊ के एजूकेटेड लोगों में भी इसकी खासी चर्चा रही. मजे की बात तो यह है कि लोगों ने यकीन भी कर लिया.