प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने आयोजित किया किसान सम्मेलन

Meerut। शुद्ध फसल से शुद्ध अन्न उपजेगा। शुद्ध अन्न को खाने से मन शुद्ध होगा। शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, दिल्ली रोड स्थित 'प्रभु मिलन भवन' में किसान सशक्तिकरण सम्मेलन में वक्ताओं ने किसानों को जैविक खादों की ओर प्रेरित किया।

पर्यावरण को नुकसान

माउंट आबू मधुवन से आए राजयोगी भ्राता रानुभाई ने कहा कि भारत की 70 फीसदी आबादी खेती पर ही निर्भर है। आज मनुष्य की प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण ही उपजाऊ जमीन भी बंजर हो रही है। भारत आदिकाल से ही सतोप्रधान देश है और यहां सात्विक और शुद्ध अन्न का उत्पादन हो रहा है। जिससे लोगों का मन पावन रहता है। गत वर्षो से अधिक लाभ कमाने के लिए रसायनिक खादों और कीटनाशकों का अधिक मात्रा में प्रयोग हो रहा है जिससे न मिट्टी के साथ-साथ मनुष्य का स्वास्थ्य भी गिर रहा है। उपजाऊ जमीन बंजर होने लगी है। पूर्व कमिश्नर सीताराम मीणा ने कहा कि किसान जहां लागत बढ़ने, उत्पादों का उचित मूल्य न मिलने और मौसम की मार से आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। वहीं अत्यधिक रसायनिक खादों तथा कीटनाशक (जहर) से तैयार अनाज, फल, आदि मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे है। युवा पीढ़ी आज खेती नहीं करना चाहती। ब्लाक प्रमुख नितिन कसाना ने किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया।

राजयोग का कराया अभ्यास

सम्मेलन के दौरान केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी सुनीता बहन ने राजयोग का गहन अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा की स्मृति से हम अपने मन में शुभ संकल्प पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से किसान अपने जीवन को तनाव मुक्त, व्यसन मुक्त, विकास मुक्त, स्वस्थ और खुशहाल रख सकते हैं। ब्रह्माकुमारी उषा, ब्रह्माकुमारी प्रमिला, ब्रह्माकुमार आनंद, वैभव आदि इस दौरान मौजूद थे।

Posted By: Inextlive