Meerut। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। वर्ष 2018 में 1 मार्च को होली के पूर्ण योग के साथ ही भद्रा लगने से पूजन का समय थोड़ा सीमित है। होलिका दहन प्रदोष काल में शाम 7.40 से 8.50 तक रहेगा। साथ ही वृश्चिक लग्न एंव लाभ की चौघडि़या में होलिका दहन का शुभ समय रात्रि 12.30 से 2.15 तक अत्यंत शुभ होगा। साथ उत्तर-पूर्व में मुख करके पूजन करें, यह अंत्यंत शुभ होगा।

1. जिन लोगों के जन्म कुंडली में चौथे व आठवें भाव में मंगल है वह व्यक्ति टेसू अथवा केसरिया रंग का प्रयोग करे नकरात्मक प्रभाव दूर होगे।

2. जिन व्यक्ति की राशि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन हो उनके लिए केसरिया, पीला, व लाल रंग शुभ रहेगा।

3. अन्य छह राशि वालो के लिए यह होली शुभ नहीं है। अत: वह लोग 13 मखानों कि माला बनकर 13 मिनट पहने और होली में दहन करें। इससे नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाएंगे। इन राशि वाले लोगों के लिए हरे, नीले, काले व सफेद रंग मंगलकारी रहेगा।

4. विशेष मुर्हुत छोड़कर होली दहन स्थल का पूजन अशुभ होगा।

5. गुरु वारिया पूर्णिमा सुकमा योग भगा नक्षत्र में सूर्य मीन पर चंद्रमा सिंह राशि तथा रात्रि भद्रा मुक्त शुभ योग इस सदी में पहली बार बन रहा है।

6. जिन कन्याओं का विवाह 1 मार्च, 2017 के बाद हुआ है वह अपनी सुसराल में जलती हुई होली न देखें।

7. दहन स्थल पर बच्चें बालक प्रह्लाद के लिए खिलौने अवश्य भेंट करें।

भद्रा नक्षत्र

1 मार्च प्रात: 8.57 से 7.40 तक भद्रा नक्षत्र होगा, जिसमें होलिका दहन नहीं होता है। 1.56 से 3.24 तक राहूकाल है, इसमें दौरान भी कोई शुभ कार्य नहीं होता है।

अभिजीत मुहूर्त

दोपहर 12.08 से 12.57 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। होलिका का पूजन करने के लिए यह मुख्य व उत्तम समय है।

गुलर की टहनी होली में रखकर भक्त प्रहलाद के रूप में पूजें तथा दहन से पूर्व गूलर की टहनी को सुरक्षित बाहर निकलें। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।

पंडित भारत भूषण

होली का यह त्यौहार बंसत ऋतु के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

अनुराधा गोयल, गणपति ज्योतिष केंद्र

Posted By: Inextlive