मॉस्क्विटो यानी कि मच्‍छर को अक्‍सर कानों में बज करते यानी कि गाना गाते सुना है आपने। अरे मच्‍छरों का गाना मतलब जब वो कान में भनभनाते हैं। उस समय अच्‍छे-अच्‍छों की नींद उड़ जाती है। कई बार तो इन्‍हें भगाने के लिए बनी दवाएं भी असर नहीं करती हैं। ऐसे में मच्‍छरों को लेकर मन में तमाम सवाल उठते होंगे कि ये कानों में बज क्‍यों करते हैं। ये आपको ही क्‍यों काटते हैं। कोई बात नहीं आइए जानें मच्‍छरों से जुड़ी ये कुछ खास बातें...

मच्छरों का संगीत
वैसे तो मच्छर पूरे साल रहते हैं लेकिन कुछ खास मौसम में तो ये ज्यादा ही परेशान करते हैं। आज मच्छरों की वजह से ही डेंगू, चिकुनगुनिया जैसे बुखार लोगों को आ रहे हैं। बड़ी संख्या में हर साल लोगों की मौत हो रही है। सबसे खास बात तो यह है कि मच्छरों की वजह से आज लोग पूरी रात सो नहीं पाते हैं क्योंकि मच्छर रात में कानों में बज करते रहते हैं। बहुत से लोग इसे मच्छरों का संगीत भी कहते हैं।


मादा मच्छर काटती

अक्सर लोग यह भी कहते हैं कि नर मच्छर की अपेक्षा मादा मच्छर ज्यादा काटती हैं। हालांकि यह बात पूरी तरह से सच नही है। इस पर कई बड़े शोध हुए हैं लेकिन कोई निश्चित परिणाम नहीं आया है। ऐसे में मादा मच्छर को बदनाम करना ठीक नही है। नर और मादा दोनों ही मच्छर हवा में उ़ड़ते हैं। जीने के लिए दोनों का ही उड़ना जरूरी है। दोनों ही मच्छर अपने पंखों से अपने खाने की व्यवस्था करते हैं।
आपको ज्यादा काटते
इसके साथ ही लोग यह भी कहते हैं कि उनके दोस्तों की अपेक्षा मच्छर उन्हें ज्यादा काटते हैं। मच्छर किसी को पहचानते नही है जब कि बस वह उन्हीं लोगों को काटते हैं कि जिन्हें पसीना अधिक आता है। अधिक गर्मी व कार्बन डाइऑक्साइड की गंध आने की वजह से भी मच्छर लोगों को अधिक काटते हैं। वहीं जो लोग डार्क रंग के कपड़े पहनते हैं उन्हें भी मच्छर ज्यादा काटते हैं। मच्छर गंदगी की ओर जल्दी भागते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra