Meerut : वर्ल्ड न्यूट्रीशनल वीक चल रहा है. इस वीक में कुछ हेल्दी बातें होना भी जरूरी है जिसमें सबसे पहला सवाल ये उठता है कि हम और आप हेल्दी डाइट लेते हैं? अधिकांश लोगों का जवाब न होगा क्योंकि सही बात तो ये है कि हम अपने खाने में न्यूट्रीएंट्स को ढूंढते ही नहीं.


ये है सूरत-ए-हालसिटी में मौजूद कई डाइटीशियंस से बातचीत में ये सामने आया है कि लोग इस बात पर कभी गौर ही नहीं करते कि वो लंच या डिनर में जो कुछ भी खा रहे हैं वो कितना हेल्दी है। लोग ये भी ध्यान नहीं देते हैं कि उन्हें दिनभर में जितनी कैलोरी चाहिए वो पूरी हो भी रही है या नहीं। डाइट प्लान कराने वालों में साठ परसेंट लोग किसी न किसी तरह की बीमारी का शिकार हैं, अब वो बीमारी चाहे ओबेसिटी ही क्यों न हो। डाइट प्लान को लोग पतले होने से जोडक़र देखते हैं, जबकि डाइट प्लान आपके लिए हेल्दी चीजों की प्लानिंग है। जो लोग डाइट को लेकर अवेयर हुए हैं, उनके अपने ऐम हैं, जिसमें किसी को सिक्स पैक बनाने हैं तो किसी को जीरो साइज फिगर, कोई स्मार्ट मॉम दिखना चाहती हैं तो कोई स्लिम।60 परसेंट बीमारी में


डॉक्टर्स के मुताबिक ओपीडी में आने वाले लोगों में से जो लोग अपनी डाइट पर ध्यान देते हैं, उनका परसेंटेज कुछ इस तरह से हैबीमारी में डाइट-60 परसेंटफैट और फिटनेस-40 परसेंटइन आने वाले लोगों में से 35 परसेंट शेयर फीमेल और टीनएजर्स का है और केवल 5 परसेंट मैन्स का। डाइट नहीं एमएनटी कहिए

डाइटीशियन डॉ। भावना गांधी का का कहना है अब बीमारी में लोग ही नहीं डॉक्टर भी डाइट और न्यूट्रीशन को लेकर काफी एक्टिव हो रहे हैं। इसलिए अब यह फील्ड एमएनटी यानि मेडिसन न्यूट्रीशनल थेरेपी के रूप में बदल गया है। अब जहां इलाज में 50 परसेंट रोल दवाओं का है वहीं 50 परसेंट रोल फूड का भी है। एक बीमार व्यक्ति को ठीक होने में दवाएं और फूड दोनों का ही बराबर का रोल है। अब चाहे हार्ट प्रॉब्लम, किडनी, डायबटीज, हाइपरटेंशन, मेंटल इलनेस, मैटाबॉलिज्म, हार्मोनल प्रॉब्लम, कैंसर, टीबी और एचआईवी जैसी कई बीमारियों में डाइट का अहम रोल है। गुणों से भरपूर साबुत अनाजसाबुत अनाज पौष्टिक होता है। साबुत अनाज में अघुलनशील और घुलनशील फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-ई और अन्य कई पोषक तत्व शामिल होते हैं। साबुत अनाज कोलेस्ट्रॉल के स्तर, रक्त प्रवाह और रक्तचाप को कंट्रोल करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है। साथ ही कैंसर जैसी बीमारियों के संभावित खतरों को भी दूर रखा जा सकता है। आयरन

आयरन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। जो शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊतकों में ऑक्सीजन वहन करने का काम करता है। आयरन के दो स्रोत हैं, मांसाहारी स्रोत और शाकाहारी स्रोत। हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन का एक अच्छा स्रोत हैं, इसलिए इन्हें अपने आहार में प्रतिदिन शामिल करने का प्रयास करें। आयरन से भरपूर अन्य सब्जियां हैं, ब्रोकोली, टमाटर, मशरूम, चुकंदर, कद्दू, शतावर तथा शकरकंदी।थायराइड के लिए आहार आयोडीन ग्रंथि सही तरीके से काम करे, इसके लिए जरूरी है कि आयोडीन युक्त भोजन अधिक किया जाए। इसके लिए आयोडीन युक्त नमक सबसे जरूरी चीज है। इसके साथ ही सी-फूड में भी प्रचुर मात्रा में आयोडीन होता है। मछली, अंडा और दूध भी आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। वहीं ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। जो आयोडीन को हमारी थायराइड ग्रंथि में जाने से रोकते है, जैसे- शलगम, गोभी और पत्ता गोभी।डायबिटीज में डाइट- बींस, मछली, सेब और अनार, पालक व हरी सब्जियां, दालचीनी, लहसुन, ओट्स मील।स्ट्रेस के लिए फूड- डार्क चॉकलेट, ऑरेंज, गाजर, कोल्डवॉटर फिश, पत्तेदार सब्जियां, नट्स एंड सीड्स।कैंसर किलिंग फूड- हल्दी, वीटग्रास, जूसी फ्रूट्स, टमाटर, ब्रोकली, लहसुन, बैगन।"ये बात सही है कि लोग अपनी डाइट के लिए ज्यादा कांशस नहीं हैं। मजबूरी में ही लोग डाइट का ध्यान करते हैं। वो जो खाना खा रहे हैं वो कितना न्यूट्रीशन रिच है इस बात पर अक्सर लोग ध्यान ही नहीं देते."
-डॉ। भावना गांधी, डाइटीशियन, सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive