- डोबराचांठी पुल बनकर लगभग तैयार, मार्च 2020 से शुरू होगी आवाजाही

- भागीरथी नदी पर बन रहे पुल की वर्ष 2006 में हुई थी शुरुआत

DEHRADUN: 14 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद प्रतापनगर के लोगों के लिए जल्द ही वह अवसर आने वाला है, जिसका उनको इंतजार था। टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने के लिए निर्माणाधीन डोबराचांठी पुल बनकर तैयार है। डोबराचांठी पुल की सतह को आपस में जोड़ने का काम पूरा किया जा चुका है। रेलिंग, कोटिंग और रोड सेफ्टी की एनओसी मिलने के बाद मार्च 2020 को इस पुल को जनता के सुपुर्द कर दिया जाएगा। टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने के लिए निर्माणाधीन डोबराचांठी पुल लंबे अरसे से अधर में लटका हुआ था। प्रतापनगर वासियों की डिमांड को देखते हुए सरकार की ओर से एकमुश्त बजट जारी किया गया। इसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई। सीएम डैशबोर्ड पर पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की-परफॉर्मेंस इंडिकेटर में डोबराचांठी पुल प्रमुख बिंदु है। बाकायदा सीएम ने खुद इसके काम की प्रोग्रेस पर नजर रखी। इसका रिजल्ट भी देखने को मिला। अब पुल बनकर तैयार है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खुशी है।

- 440 मीटर लंबा डोबराचांठी पुल देश का सबसे लंबा मोटरेबल सिंगल लेन झूला पुल।

- कई इंस्टीट्यूशंस की असफलता के बाद कोरियन कंपनी ने की डिजाइनिंग।

- पुल पर करीब 150 करोड़ रुपए की आई लागत।

- 440 मीटर लंबे पुल में 250 मीटर की लंबाई में डैक लगाने का काम पूरा।

- मार्च 2020 तक पुल पर आवाजाही शुरू करने का दावा।

- वर्ष 2006 में काम हुआ था शुरू, बनने में लग गए 14 वर्ष

100 किमी तक का फेर हो जाएगा कम

वर्ष 2006 में भागीरथी नदी पर बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर व थौलधार को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। टिहरी झील के ऊपर बन रहे डोबराचांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी को डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से जोड़ा जाएगा। इससे करीब हेडक्वार्टर तक आने में लगभग 100 किमी तक की दूरी कम हो जाएगी। टिहरी आने वाले टूरिस्ट प्रतापनगर भी आ सकेंगे। आवागमन की सुविधा होने से क्षेत्र की आर्थिकी में भी इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है। जबकि इसके पहले प्रतापनगर आने-जाने के लिए बने पुल झील में डूब गए थे।

रेलिंग व कोटिंग का काम बाकी

टिहरी झील में पहले के बने पुल डूब जाने के कारण प्रतापनगर केलोगों को नई टिहरी, देहरादून, ऋषिकेश आने-जाने में समस्याओं से जूझना पड़ता रहा है। मार्च 2020 तक पुल के बन जाने से प्रतापनगर के लोगों की आवागमन संबंधी कठिनाइयां समाप्त हो जाएंगी। डोबरीचांठी पुल का निर्माण कार्य देख रहे पीडब्ल्यूडी के एई शिव कुमार राय के मुताबिक पुल के दोनों ओर 440-440 मीटर लंबी रेलिंग लगाई जानी है। फिर रेलिंग के ऊपर कोटिंग का काम होना बाकी है। इसके लिए टेंप्रेचर कुछ गर्म चाहिए होता है। जबकि पुल में आवाजाही को रोड सेफ्टी विभाग की एनओसी जरूरी है। इसलिए पुल पर आवागमन मार्च 2020 में ही शुरू हो पाएगा।

डोबराचांठी पुल प्रतापनगर और थौलधार के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पुल के निर्माण को एकमुश्त राशि जारी की गई। समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए। अब यह जल्द ही आवागमन के लिए खुल जाएगा।

- त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सीएम।

Posted By: Inextlive