-छठवें दिन आइसीयू व इमर्जेसी में एडमिट नहीं किए गए नए पेशेंट -दूर-दराज के पेशेंट्स हुए परेशान, प्राइवेट हॉस्पिटल की रही बल्ले बल्ले

बीएचयू हॉस्पिटल में चल रहे स्ट्राइक के क्रम में शनिवार को रेजीडेंट्स ने इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दीं। आइसीयू व इमरजेंसी वार्ड में नए मरीज नहीं लिए गए। हालांकि पहले से एडमिट पेशेंट्स के लिए कंसल्टेंट उपस्थित रहे। दूर-दराज से पहुंचे गंभीर को आस-पास के प्राइवेट हॉस्पिटल का रुख करना पड़ा। उधर रेजीडेट्स संग मारपीट के बाद उपजे संकट से निबटने में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तरह फेल साबित हुआ है। तीन आरोपितों की गिरफ्तारी पुलिस ने बुधवार को ही कर ली। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन अब तक हड़ताल समाप्त कराने में नाकाम साबित हुआ है। वहीं रेजीडेंट्स के मुताबिक पुलिस ने तो अपना काम बखूबी किया, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जो अप्लीकेशन दी गई थी उसमें पांच अज्ञात पर एफआइआर की बात थी, जबकि तीन आरोपितों के बाकायदा नाम दिए गए थे। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने घटना को हॉस्पिटल कैंपस के बाहर माना है।

एम्स की तरह मिले सिक्योरिटी

रेजीडेंट्स के मुताबिक एम्स की तर्ज पर सुरक्षा व्यवस्था मिलने तक हड़ताल जारी रहेगी। उधर, इमरजेंसी सेवाओं को बाधित करने का सबसे अधिक प्रभाव दूर-दराज से ट्रीटमेंट को पहुंचने वाले पेशेंट्स पर पड़ा। मजबूरी में उन्हें आस-पास के प्राइवेट हॉस्पिटल में जाना पड़ा। हड़ताल के कारण लंका क्षेत्र के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में खूब मरीज पहुंच रहे हैं। हालांकि सीएमओ डॉ। वीबी सिंह ने तीन दिन पहले मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल व रामनगर अस्पताल को निर्देश दिया था कि जो भी पेशेंट आएं उन्हें एडमिट किया जाए।

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन रहा नाकाम

बीएचयू प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन लगातार रेजीडेंट्स के संपर्क में हैं। शुक्रवार को आइआइटी-बीएचयू के कन्वोकेशन में बतौर चीफ गेस्ट मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। बावजूद इसके हड़ताल खत्म कराने में जिला व यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है।

Posted By: Inextlive