- ईएसआई अस्पताल में डॉक्टरों का मरीज करते रहते हैं इंतजार

- विरोध करने पर समस्त स्टाफ जुट जाता है मरीजों को हड़काने और धमकाने में

आगरा। ईएसआई हॉस्पिटल में अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। डॉक्टर्स ड्यूटी टाइमिंग में अपने चैंबर से गायब रहते हैं, वहीं बाहर खड़े मरीज दर्द से कराहते हुए इंतजार करते रहते हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम ने मौके पर पड़ताल की तो कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई। हॉस्पिटल का रूम नंबर 63 खाली था। जबकि , बाहर मरीज इंतजार कर रहे थे। काफी देर तक डॉक्टर के नहीं आने पर मरीजों का धैर्य जवाब दे गया। मोबाइल से मरीजों के फोटो लेने के बाद पहुंचे डॉक्टर ने लोगों से हद दर्जे की बदसलूकी की। इस पर मरीजों ने हंगामा कर दिया। हॉस्पिटल स्टाफ ने मामले को शांत कराया।

खाली पड़ा था चैंबर

रुनकता निवासी निरोतीलाल अपनी बेटी कंचन को दिखाने ईएसआई अस्पताल पहुंचे थे। पर्चा बनवाते वक्त उनसे बीमारी के बारे में पूछा गया। बीमित निरोतीलाल ने बताया कि बेटी के नाक में दिक्कत है। पर्चा बनाने वाले ने उन्हें चैम्बर 63 में डॉक्टर मयंक माहेश्वरी के पास भेज दिया। लेकिन, वहां पर कोई मौजूद नहीं था। इस समय दोपहर करीब 12.30 बज रहे थे।

मरीजों को हड़काया

चैंबर के बाहर बैठे कंचन के साथ अन्य और मरीज भी डॉक्टर मयंक माहेश्वरी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन करीब 45 मिनट तक इंतजार करने के बाद भी कोई वहां पर नहीं पहुंचा। इस पर मरीजों का धैर्य जवाब दे गया। यहां तक कि मरीजों को यह भी बताने वाला कोई मौजूद नहीं था कि डॉक्टर कब तक आएंगे। हॉस्पिटल की ओपीडी बंद होने का समय हो चला था। इसी दौरान डॉ। माहेश्वरी वहां पहुंच गए। बजाय मरीजों को देखने के वह मरीजों से उलझ गए। मरीजों से बदसलूकी करने लगे। नाम पता पूछने के साथ ही हड़काने लगे। उनके साथ अन्य स्टाफ भी आक्रामक हो गया। इस दौरान डॉक्टर मयंक माहेश्वरी अपने ऊंची पहुंच का हवाला दे रहे थे।

विवादों से पुराना नाता

ऐसा पहली बार नहीं हैं कि ईएसआई के डॉ। मयंक माहेश्वरी विवादों में फंसे हों। हॉस्पिटल सूत्रों की मानें तो वह हॉस्पिटल में अपनी ऊंची पहुंच का बखान करते हुए सबको अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करते हैं। अफसरों को ऐलान देते हुए कहते हैं कि एक बार छापेमारी के लिए स्वयं विभाग के डायरेक्टर पहुंच गए थे। प्रैक्टिस करते हुए पकड़ भी लिया था। बावजूद इसके वे मेरा कुछ बिगाड़ भी नहीं पाए थे। गौरतलब है कि हाल ही में डायरेक्टर ने अपनी छापेमारी के दौरान डॉ। मयंक माहेश्वरी को निजी प्रैक्टिस करते पकड़े गए। बावजूद इसके वे मेरा कुछ बिगाड़ नहीं पाए थे, वे कहते हैं कि पता क्यों क्योंकि मैंने एक ऐसा फोन कराया था कि उनकी हालत खराब हो गई थी, भविष्य में वे मेरे यहां पर कभी छापेमारी की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे।

ये प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है। मैं बाहर हूं। अस्पताल पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जांच पड़ताल करने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। निश्चित तौर पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। राजेंद्र सिंह, सीएमओ ईएसआई

Posted By: Inextlive