RANCHI: झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बिल लागू नहीं करने के विरोध में गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर्स सड़कों पर उतरे। कहा कि जब बिल को स्वास्थ्य मंत्री की मंजूरी मिल गई थी तो सरकार ने नामंजूर क्यों कर दिया। अगर नियम में संशोधन करना था तो सरकार विचार-विमर्श कर संशोधन कर सकती थी। लेकिन इस बिल को सिरे से खारिज कर देना कहीं से भी उचित नहीं है। बताते चलें कि रिम्स डायरेक्टर आफिस के बाहर से आइएमए, झासा और जेडीए के मेंबर्स ने रैली निकाली। इसमें झासा के डॉ। विमलेश सिंह, आईएमए के डॉ। चंद्रशेखर, डॉ। प्रदीप सिंह, डॉ। किरण, जेडीए के डॉ। अजीत समेत काफी संख्या में डॉक्टर्स शामिल थे।

आंदोलन पर उतारू डॉक्टर्स

रैली में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बिल सिर्फ डॉक्टरों के हित में नहीं है, बल्कि यह मरीजों के हित में भी है। किसी भी डॉक्टर के लिए निर्भीक होकर मरीजों का इलाज करने के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बिल को लागू करना अति आवश्यक है ताकि हम डॉक्टर मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा सकें। डॉक्टरों ने कहा कि इस बार के विधानसभा सत्र में राज्य सरकार यदि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल एक्ट को पारित नहीं करती है तो राज्यभर के डॉक्टर बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इसका खामियाजा मरीजों को भी भुगतना पड़ सकता है।

18 राज्यों में लागू फिर झारखंड में क्यों नहीं

वहीं जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे लोग पहले सालों तक पढ़ाई कर मरीजों की सेवा करते हैं। इसके बाद जब वे लायक डॉक्टर बनते हैं और मरीजों का इलाज करते हैं तो उन्हें मार मिलती है। ऐसे में वे मरीजों का इलाज डर के बीच कैसे कर सकेंगे। देश के 18 राज्यों में यह बिल लागू किया जा चुका है तो झारखंड में सरकार इसे लागू क्यों नहीं करना चाहती। जब इस बिल को मंजूरी मिल गई थी तो सरकार ने इसे पास क्यों नहीं किया।

Posted By: Inextlive