- 6 से 8 घंटे तक पीपीई किट पहने रहते हैं डॉक्टर्स व मेडिकल टीम

- किट पहनने के बाद न तो कुछ खा सकते हैं और न ही टॉयलेट जा सकते हैं

अखबारों, न्यूज चैनलों पर आपने देखा होगा कि कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर्स एक खास पोशाक में रहते हैं, जिन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) कहते हैं। लेकिन, आप जानते हैं कि एक बार डॉक्टर पीपीई किट पहनने के बाद 5-6 घंटे तक कुछ खाना-पीना तो दूर, टॉयलेट तक नहीं जा सकते। ऊपर से नीचे तक पीपीई सूट में होने के कारण डॉक्टर्स और नसर्ें पसीने से तर-बतर हो जाती हैं, बावजूद इसके ये सभी कोरोना योद्धा बिना किसी शिकायत के मरीजों के इलाज में जुटे हैं।

किट पहनना है इंपॉटर्ेंट

कोरोना वायरस तेजी से एक से दूसरे में फैलता है, इसके बचाव के लिए हेल्थ वर्कर्स का पीपीई किट पहनना बेहद जरूरी होता है, लेकिन पीपीई पहनकर घंटों उसमें रहना बेहद मुश्किल भरा काम होता है। ऊपर से नीचे तक पूरी तरह पैक होने के कारण इसे पहनने वालों को भयंकर गर्मी होती है, जिससे शरीर से निकलने वाला पसीना सूट के अंदर ही रहता है और घंटों उन्हें उसी तरह रहना होता है।

गर्मी झेलना भी चुनौती

डीडीयू अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात डॉक्टर्स के अनुसार एक पीपीई किट 6-8 घंटे तक पहनी जा सकती है। अगर उसके पहले इसे निकाला गया तो फिर से दूसरी पीपीई की जरूरत पड़ती है। फिलहाल, पीपीई की कमी हर जगह है, इसलिए एक बार पीपीई पहने के बाद कोई भी हेल्थ वर्कर उसे 6 घंटे बाद ही निकालता है। अगर बीच में इसे निकाला तो फिर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसलिए एक बार पीपीई पहनने के बाद 6 घंटे न तो हेल्थ वर्कर्स कुछ खा सकता है और न ही टॉयलेट जा सकता है। वाराणसी जैसे शहर में लोगों को और दिक्कत होती है, क्योंकि यहां गर्मी काफी अधिक है। चूंकि ठंडे वातावरण में वायरस का असर अधिक होता है, इसलिए ज्यादातर जगह जहां कोरोना मरीजों का इलाज होता है, वहां एसी भी बंद रहता है।

नहीं है कोई शिकायत

सीएमओ डॉ। बीवी सिंह के अनुसार कोरोना वायरस हेल्थ वर्कर्स में न पहुंचे, इसके लिए उन्हें पीपीई पहनाना होता है, जिसमें सूट, ग्लब्स, चश्मा, मास्क इत्यादि है। इसको पहनने के बाद शरीर में कहीं से हवा तक नहीं जा सकती, नतीजतन कुछ ही समय में भयंकर गर्मी होने लगती है और पूरा शरीर पसीने से तर-बतर हो जाता है। चूंकि हमारा काम लोगों का इलाज करना है, इसलिए हमें न तो इससे कोई शिकायत है, न ही कोई परेशानी।

एक नजर

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डॉक्टर्स कर रहे इलाज

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पैरामेडिकल स्टाफ दे रहे ड्यूटी

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नर्स भी दे रहीं हैं सहयोग

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लैब टेक्निशियन लगे हैं

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अन्य भी निभा रहे जिम्मेदारी

पीपीई वेस्ट न हो, इसके लिए एक बार पहनने के बाद करीब 6 घंटे तक उसे नहीं निकालते। हमें जो भी खाना होता है या जो भी जरूरी काम करना होता है, वो पीपीई पहनने से पहले कर लेते हैं।

-डॉ। सुरेश सिंह, फिजिशियन, डीडीयू अस्पताल

एक बार पीपीई पहनने के बाद करीब 6 घंटे तक उसे नहीं निकाल सकते। नतीजतन इस दौरान कुछ खाना पीना तो दूर की बात हम टॉयलेट तक नहीं जा सकते। यह समय काफी मुश्किल भरा हो गया है।

-डॉ। संजीव सिंह, एमओ, मंडलीय अस्पताल

Posted By: Inextlive