-दूसरे दिन भी हड़ताल पर जमे रहे सरकारी डॉक्टर

-नहीं दी डॉक्टर ने ड्यूटी, जेआर, फार्मसिस्ट जमे रहे

-प्राइवेट डॉक्टरों का भी मिला हड़ताल को समर्थन

DEHRADUN: डॉक्टर की हत्या करने वालों की धरपकड़ की मांग को लेकर सरकारी डॉक्टरों द्वारा शुरू की गयी हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। सरकारी हॉस्पिटलों में सेवारत डॉक्टरों ने ओपीडी और चिकित्सकीय सेवाओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। इस दौरान इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंचे मरीज और तीमारदार बिना डॉक्टर को दिखाए वापस लौट गए। इलाज के लिए पहुंचे मरीज दून हॉस्पिटल के अंदर आंसू तक बहाते हुए दिखे। उधर, प्रदेश चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारी प्रदेशाध्यक्ष डॉ। एसके गोस्वामी के नेतृत्व में निवर्तमान सीएम हरीश रावत से भी मिलने गए।

प्राइवेट डॉक्टरों ने दिया समर्थन

सरकारी सेवा में लगे डॉक्टरों के इस आंदोलन का समर्थन करने के लिए प्राइवेट डॉक्टर भी आगे आ गए हैं। हालांकि अभी सभी डॉक्टर इस हड़ताल में साथ नहीं आए हैं। उधर, हड़ताल के चलते सूबे के अन्य हिस्सों की तरह ही राजधानी के राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में हड़ताल का प्रभाव देखा गया।

जेआर और फार्मासिस्टों ने संभाला काम

कहने को तो दावा किया गया था कि मेडिकल कॉलेज की सेवा में आए डॉक्टर हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। अगर जूनियर रेजीडेंट्स (जेआर) और उनके साथ लगे हुए फार्मासिस्ट की बात छोड़ दे तो डॉक्टरों ने तो पूरी तरह से हड़ताल का ही साथ दिया। हालांकि महिला हॉस्पिटल की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। चित्रा जोशी अपने साथ मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर मुस्तैद मिले।

लौटते रहे मरीज, खुली दवा विंडो

दूसरे दिन की हड़ताल के चलते ओपीडी में इलाज के लिए लोग पहुंचते रहे। लेकिन, डॉक्टरों के हड़ताल पर बने रहने की वजह से लोग दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से वापस लौटते रहे। यहीं नहीं इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित रही। डॉक्टर के ड्यूटी पर नहीं रहने से तमाम लोग बिना डॉक्टर को दिखाए ही यहां से लौटकर प्राइवेट हॉस्पिटलों का रुख किया। उधर, हॉस्पिटल के अंदर स्थित दवा वितरण विंडो खुली रही। इमरजेंसी में जेआर द्वारा लिखी जाने वाली दवाओं को इस विंडो से उपलब्ध कराया जाता रहा।

Posted By: Inextlive