कुत्तों के आतंक से मुक्त होगा शहर
-अमेरिकी संस्था ने की 11,081 कुत्तों की नसबंदी
-जयपुर के बाद जमशेदपुर बनने जा रहा है दूसरा शहरJAMSHEDPUR: रात में कहीं जा रहे हों और कुत्ता पीछे पड़ जाए क्या हालत होती है यह बताने की जरूरत नहीं। पर अब ऐसा नहीं होगा। कुत्तों के आतंक से मुक्ति मिलेगी। एक खास पहचान वाला कुत्ता काट भी ले तो नुकसान नहीं होगा। यदि उन कुत्तों के कान 'वी' आकार में कटे हों तो आप इस बात से निश्चिंत हो सकते हैं कि वह आपको कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा सकता। ऐसे कुत्तों की ना केवल नसबंदी की गई है, बल्कि उन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन भी दिया गया है। जयपुर के बाद जमशेदपुर देश का दूसरा शहर बनने जा रहा है जो कुत्तों के आतंक से मुक्त होगा। यह दावा अमेरिकी संस्था ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई) के निदेशक (भारत) राहुल सहगल ने किया। बागुननगर स्थित डॉग स्टर्लाइजेशन सेंटर में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संस्था के प्रेसीडेंट व सीईओ एंड्रयू रोवन भी उपस्ि1थत थे।
मार्च ख्0क्म् तक हासिल होगा लक्ष्यसहगल ने बताया कि वर्ष ख्0क्0 में उन्होंने जमशेदजी टाटा ट्रस्ट को इस आशय का प्रस्ताव दिया था, जबकि मार्च ख्0क्फ् में हमें तीन साल का मौका दिया गया। अप्रैल ख्0क्फ् में काम करने से पहले हमने इस शहर का सर्वे किया, जिसमें हमें पता चला कि यहां ख्भ्,000 स्ट्रीट डॉग हैं। हमने इसमें से 70 फीसद कुत्तों की नसबंदी व एंटी रैबीज इंजेक्शन देने का लक्ष्य रखा, जिसमें से अब तक क्क्,08क् कुत्तों का टीकाकरण किया जा चुका है। संस्था मार्च ख्0क्म् तक लक्ष्य हासिल कर लेगी। हालांकि इसके बाद भी यह काम जारी रहेगा, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में यह काम जुस्को व टाटा मोटर्स को सुपुर्द कर देंगे। वैसे अभी भी यह केंद्र जमशेदजी टाटा ट्रस्ट द्वारा वित्त पोषित व जुस्को के सहयोग से चल रहा है। इसका वास्तविक परिणाम वर्ष ख्0क्8-क्9 तक दिखेगा।
-------- किस क्षेत्र में कितने कुत्ते जमशेदपुर : क्0,क्9ब् आदित्यपुर : 7,ख्0फ् मानगो : म्,9म्8 जुगसलाई : ब्क्0 -------- मनुष्य-कुत्ते का अनुपात सबसे कम आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि जमशेदपुर में मनुष्य की तुलना में कुत्तों का अनुपात राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय औसत से काफी कम है। एचएसआई के सीईओ एंड्रयू रोवन ने बताया कि अमेरिका में प्रति क्00 व्यक्ति पर ख्फ् कुत्ते हैं, जबकि चीन में क्0 है। भारत में भी मनुष्य-कुत्ते का अनुपात फ्.भ् है, जबकि जमशेदपुर में ख्.ख्ब् है। --------- लावारिस कुत्तों की दें सूचनावैसे एचएसआई जमशेदपुर व मानगो अक्षेस के अलावा आदित्यपुर नगर पर्षद व जुगसलाई नगरपालिका क्षेत्र में लावारिस कुत्तों को पकड़कर लाती है। इसके बावजूद यदि किसी को लगता है कि उनके इलाके में कुत्ते ज्यादा परेशान कर रहे हैं, तो वे सुबह आठ से शाम छह बजे तक मोबाइल नंबर 77म्म्999ख्फ्ख् इसकी सूचना दे सकते हैं। कुत्तों को टीकाकरण के बाद उन्हीं इलाके में छोड़ दिया जाता है, जहां से उन्हें उठाया गया था।
एचएसआई जमशेदपुर की सीनियर मैनेजर जॉय ली (इंग्लैंड) व प्रेस प्रवक्ता चेतसी काने ने बताया कि जमशेदपुर में भारत का ऐसा पहला नसबंदी व टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है, जहां कुत्तों को जाली या अन्य साधनों की बजाय हाथ से पकड़ा जाता है। जो कुत्ते पकड़कर वापस छोड़े जाते हैं, उनका एडवांस रिकार्ड भी रखा जाता है। इनका फोटो लेकर कंप्यूटर में रखा जाता है, ताकि सॉफ्टवेयर द्वारा जीपीएस से ट्रैक किया जा सके। --------- हर कुत्ते का होता वजनबागुननगर स्थित डॉग स्टर्लाइजेशन सेंटर में कुत्तों को पकड़कर जब लाया जाता है, तो पहले उन्हें जालीदार बाड़े में रखा जाता है। जब वे शांत हो जाते हैं तो उनका वजन किया जाता है, जिसके मुताबिक इंजेक्शन या टीके का डोज तय किया जाता है। टीकाकरण के दो दिन बाद इन्हें वापस अपने स्थान पर छोड़ दिया जाता है। फिलहाल केंद्र में ख्भ् कुत्ते हैं। केंद्र में कोई भी आदमी अपने पालतू कुत्ते को भी नसबंदी व टीकाकरण के लिए ला सकता है।