रिम्स में आवारा कुत्तों का आतंक
- कैंपस में घूम रहे हैं सैकड़ों आवारा कुत्ते
- मेडिकोज का हॉस्टल से निकलना हुआ दुश्वार - हॉस्पिटल के वाडरें के आसपास भी जमा रखा है डेरा ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठRANCHI (10 ष्ठद्गष्) : राजधानी में स्ट्रीट डॉग्स ने आतंक मचा रखा है। सिटी की कोई ऐसी सड़क नहीं है जहां ये दिखाई न दें। वहीं शाम होते ही इलाके में इनकी दहशत फैल जाती है। आवारा कुत्ते रोड से गुजरने वालों को परेशान करते हैं। इतना ही नहीं इन कुत्तों ने राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में भी डेरा डाल रखा है। जहां सैकड़ों की संख्या में कुत्ते हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों से लेकर परिजन तक, सबको परेशान कर रहे हैं। इसके बावजूद न तो रिम्स प्रबंधन कुत्तों को हटाने को लेकर कोई कार्रवाई कर रहा है और न ही नगर निगम की कुत्ता पकड़ने वाली गाडि़यां आ रही हैं। इससे यह तो साफ है किसी हादसे के बाद ही अधिकारियों की नींद खुलेगी।
ट्रामा सेंटर के पास भी दर्जनों कुत्तेमेन बिल्डिंग के ट्रामा सेंटर में अब भी मरीजों का इलाज चल रहा है। यहां गंभीर मरीजों को रखा जाता है। लेकिन महज पांच मीटर की दूरी पर दर्जनों कुत्ते जमा रहते हैं। इसके अलावा कुत्तों ने बच्चों को जन्म दिया है। ये भी परिजनों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। वहीं पार्क में परिजनों के कपड़े भी बर्बाद कर रहे हैं।
हॉस्टल से बाहर निकलने से लगता है डर हॉस्पिटल का कैंपस काफी बड़ा है। जिसमें 1500 से अधिक स्टूडेंट्स भी रहते हैं। लेकिन इन कुत्तों की वजह से गर्ल्स मेडिकोज का हॉस्टल से निकलना आफत बन गया है। जैसे ही ये लोग शाम में हॉस्टल से बाहर निकलती हैं, वैसे ही कुत्ते इनके पीछे लग जाते हैं। किसी तरह मेडिकोज खुद को बचाते हुए सही सलामत हॉस्टल वापस आती हैं। चिकन-मटन की दुकानें भी बड़ा कारण हॉस्पिटल की बाउंड्री से सट कर दर्जनों चिकन-मटन की दुकानें चल रही हैं। इसके अलावा मछली वाले भी रोड किनारे अपनी दुकान चलाते हैं। दुकानों से निकलने वाला वेस्ट बगल में ही डाल दिया जाता है। इस वजह से आवारा कुत्तों का जमावड़ा हॉस्पिटल कैंपस में हो गया है। वहीं कई बार इन्हें खाना नहीं मिलने पर कुत्ते अटैक मोड में भी आ जाते हैं। इसका खामियाजा उस रोड से गुजरने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। अन्य सड़कों पर भी है कब्जास्ट्रीट डॉग्स के आतंक से पूरे शहर के लोग परेशान हैं। हालत यह है कि जिस गली में चले जाएं, वहां कुत्तों की फौज जमा रहती है। वहीं उन्हें हटाने पर भौंकने लगते हैं। कुछ इलाके में तो लोगों को दौड़ाना भी शुरू कर देते हैं। रात में तो ये रोड के शहंशाह बन जाते हैं।
सदर में आ रहे 200 से अधिक मरीज सदर हॉस्पिटल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हर दिन केवल सदर हॉस्पिटल में 200 से अधिक मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। वहीं रिम्स में भी फस्ट डोज के लिए मरीजों की लाइन लगी रहती है। इसके अलावा कई लोग तो प्राइवेट क्लिनिक में जाकर भी एंटी रैबीज वैक्सीन लगवा रहे है। वर्जन सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि किसी भी स्ट्रीट डॉग को उस जगह से नहीं हटाया जा सकता। उन्हें स्टरलाइज करने के बाद वापस उसी गली में छोड़ देने का आदेश है। ऐसे में यह चेक कराया जाएगा कि कुत्तों को स्टरलाइज किया गया है या नहीं। मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची