RANCHI: राजधानी में कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। जिस रास्ते में चले जाए वहां आवारा कुत्तों का झुंड देखने को मिल जाएगा। इतना ही नहीं, रात को ये कुत्ते खूंखार शेर से भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। इसके बावजूद रांची नगर निगम कुत्तों को पकड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। और न ही इन कुत्तों को पकड़कर आपरेशन करने और वैक्सीनेशन करने की पर्याप्त जगह रांची नगर निगम के पास है। यही वजह है कि ये कुत्ते हर दिन बच्चों से लेकर बूढ़ों को अपना शिकार बना रहे हैं। बताते चलें कि रांची नगर निगम ने डॉग वैक्सीनेशन, स्टरलाइजेशन का काम होप एंड एनिमल एजेंसी को दे रखा है।

नगर निगम के पास जगह की कमी

सिटी में डॉग वैक्सीनेशन और स्टरलाइजेशन के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण एजेंसी के स्टाफ कुत्तों को पकड़कर बाहर ले जाते हैं। इसके बाद उन्हें वैक्सीनेशन के बाद सिटी में लाकर छोड़ दिया जाता है। उसमें आवारा कुत्तों की संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में ये कुत्ते फिर से आतंक मचाना शुरू कर देते हैं। वहीं बाहर ले जाने और लाने में समय भी काफी लगता है। इससे सभी इलाकों को कवर कर पाना एजेंसी के लिए मुश्किल हो रहा है।

कांजी हाउस का मामला ठंडे बस्ते में

नगर निगम बोर्ड मीटिंग में बकरी बाजार स्टोर में ही कांजी हाउस बनाने की मंजूरी दी गई थी। साथ ही सिटी के आवारा जानवरों समेत कुत्तों को पकड़कर कांजी हाउस में रखने की बात कही गई थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। आज स्थिति यह है कि सिटी में आवारा जानवर खुलेआम सड़क पर घूम रहे हैं। वहीं आवारा कुत्तों के कारण लोग परेशान हैं।

वर्जन

राजधानी में कुत्तों को पकड़ने, वैक्सीनेशन और स्टरलाइजेशन का काम होप एजेंसी को दिया गया है। हमलोग आज उन्हें पत्र भी देंगे ताकि वे आगे भी काम जारी रखें। जहां तक स्टरलाइजेशन के लिए बाहर ले जाने की बात है तो एजेंसी के बारे में पहले शिकायत मिली थी। अब एजेंसी को नगर निगम स्टोर में रूम दिया गया है। इसके बाद अगर शिकायत मिलती है तो मामले को देखा जाएगा। हमने एक कांजी हाउस चुटिया में बनवाया है लेकिन बाउंड्री नहीं होने के कारण उसे चालू कराने में दिक्कत आ रही है।

डॉ। किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ आफिसर, आरएमसी

Posted By: Inextlive