-चर्चित सिकरौरा नरसंहार कांड में हुई पेशी, नहीं हो सकी जिरह

-अब 13 जनवरी की होगी केस की अगली सुनवाई

VARANASI

चंदौली के सिकरौरा (बलुआ) गांव में ख्9 साल पहले एक ही परिवार के सात लोगों की हुई हत्या के मुकदमे में बचाव पक्ष के गवाहों से जिरह करने की हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है। इसी मुकदमे की सुनवाई के लिए सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच बुलेटप्रुफ जैकेट में बृजेश सिंह को जिला जज गुरु शरण श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया। केस सुनवाई के दौरान वादी हीरावती देवी की ओर से इस संबंध में हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश की प्रति प्रस्तुत की गई।

दिया जा चुका है प्रूफ

पिछले दिनों सुनवाई के दौरान आरोपी बृजेश सिंह की ओर से यह दलील दी गई थी कि घटना के समय उसकी उम्र क्8 वर्ष से कम थी लिहाजा उसे किशोर अपचारी घोषित किया जाए। इस दलील के समर्थन में बृजेश सिंह के स्टूडेंट लाइफ के दौरान रजवारी स्थित इंटर कॉलेज तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी हाई स्कूल के प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि वा अन्य अभिलेख अदालत में प्रस्तुत किया गया। इन दस्तावेजों की पुष्टि के लिए रजवारी स्थित इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल सदानंद पांडेय तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्रशासनिक अधिकारी चंद्र भूषण पांडेय का अक्टूबर माह में अदालत में बयान दर्ज किया गया था।

वादी गई थी हाईकोर्ट

इस दौरान मुकदमे की वादी हीरावती देवी के निजी अधिवक्ता ने गवाह से जिरह करने की अदालत से इजाजत मांगी थी। इस पर बचाव पक्ष ने आपत्ति करते हुए दलील दी थी कि गवाई से सिर्फ अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता ही जिरह कर सकते हैं न कि निजी अधिवक्ता। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्को के समर्थन में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला भी दिया था। अदालत ने वादिनी की अपील को खारिज कर दिया। बाद में वादिनी ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की। हाईकोर्ट ने इस अपील पर सुनवाई करते हुए बचाव पक्ष के गवाहों से वादिनी के निजी अधिवक्ता द्वारा जिरह करने की इजाजत दे दी। इस पर जिला जज ने बचाव पक्ष के दोनों गवाहों सदानंद पांडेय व चंद्र भूषण पांडेय को तलब करने के आदेश दिए। जिससे दोनों से जिरह की कार्रवाई हो सके। इस दौरान बचाव पक्ष का तीसरा गवाह मूलचंद का बयान दर्ज किया गया लेकिन उससे जिरह नहीं की जा सकी। अदालत ने मुकदमे की अगली सुनवाई के लिए क्फ् जनवरी की तिथि मुकर्रर की है।

Posted By: Inextlive