अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी चिपमेकर कंपनी क्वालकॉम के प्रस्तावित अधिग्रहण पर रोक लगा दी है। कहा जा रहा है कि ट्रंप ने ऐसा कदम सिर्फ चीन के डर से उठाया है। बता दें कि यदि यह अधिग्रहण हो जाता तो यह इतिहास का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी समझौता होता।


क्वालकॉम के अधिग्रहण पर रोक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी क्वालकॉम के प्रस्तावित अधिग्रहण पर मंगलवार को रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगापुर की कंपनी ब्रॉडकॉम क्वालकॉम को 117 अरब डॉलर में खरीदने वाली थी, लेकिन ट्रंप ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने अधिग्रहण पर रोक लगाते हुए एक निर्देश जारी कि कुछ खास सबूतों से पता चला है कि यदि ब्रॉडकॉम भविष्य में क्वालकॉम का अधिग्रहण कर लेता है तो वह ऐसे कदम उठा सकता है, जिससे देश को काफी खतरा हो सकता है।चीन के आजीवन राष्ट्रपति रहेंगे शी चिनफिंग कभी कोयला खदान में करते थे कामचीन की बाजार में बढ़त


कहा जा रहा है कि ट्रंप ने ऐसा कदम सिर्फ चिप बाजार में चीन की बढ़त की आशंकाओं को देखते हुए उठाया है। बता दें कि ट्रंप के निर्देशों में साफ साफ कहा गया है कि ब्रॉडकॉम द्वारा क्वालकाम का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित है और डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से भी इस कंपनी का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।सबसे बड़ा सौदा

बता दें कि यदि यह सौदा पूरा हो जाता, तो उससे बनने वाली संयुक्त कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी होती। बहरहाल, इंटेल और सैमसंग चिप बनाने वाली कंपनियों में सबसे ऊपर हैं। खैर, इस मामले में सिंगापुर की चिप कंपनी ब्रॉडकॉम का कहना है कि वह राष्ट्रपति के आदेश की समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि 'ब्रॉडकाम इस बात से इंकार करती है कि क्वालकॉम के प्रस्तावित अधिग्रहण से राष्ट्रीय सुरक्षा को किसी प्रकार का खतरा होगा।'

Posted By: Mukul Kumar