डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीनी वायरोलॉजी प्रयोगशाला में हो सकती है। हालांकि इसको लेकर उन्होंने कोई भी सबूत नहीं दिया है।

वाशिंगटन (रॉयटर्स) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीनी वायरोलॉजी प्रयोगशाला में हो सकती है। हालांकि उन्होंने इसका सबूत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि ट्रंप से गुरुवार को व्हाइट हाउस के एक कार्यक्रम में जब पूछा गया कि क्या उन्होंने ऐसे सबूत देखे हैं जो उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आया है, तो उन्होंने कहा, 'हां हां, मेरे पास हैं लेकिन मैं आपको यह नहीं बता सकता। मुझे आपको यह बताने की अनुमति नहीं है।' वहीं, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने आरोपों को खारिज कर दिया है। ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस वुहान में एक वन्यजीव को बेचने वाले बाजार में उत्पन्न हुआ और जानवरों से लोगों में फैल गया।

अमेरिका में 10 हजार से अधिक लोगों की गई जान

ट्रंप ने हाल के हफ्तों में महामारी को लेकर चीन के साथ बढ़ती हताशा को दिखाया है, जिसने अकेले अमेरिका में 10 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है। वहीं, इस वायरस से अमेरिका को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है। ट्रंप ने गुरुवार को यह भी कहा कि यह संभव है कि चीन या तो कोरोना वायरस के प्रसार को रोक न सका या जान बूझकर इसे फैलने दिया। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन कोरोना वायरस महामारी को लेकर बीजिंग के खिलाफ 'गंभीर जांच' कर रहा है, जो पहली बार पिछले दिसंबर में वुहान में रिपोर्ट किया गया था। इसके बाद चीन के उप विदेश मंत्री ले युचेंग ने कहा कि चीन कोरोना वायरस महामारी के उत्पन्न होने वाली मूल जगह को लेकर किसी भी 'मनमानी' जांच का विरोध करता है, जो पूरी तरह इसके अपराध के अनुमान पर आधारित है।

Posted By: Mukul Kumar