दून हॉस्पिटल की नई ओपीडी बिल्डिंग बिना काम पूरा हुए ही ले ली थी ठेकेदार से

अब कभी लिफ्ट फेल तो कभी दूसरी समस्याओं पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट परेशान

देहरादून।

दून हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने बिना काम पूरा हुए है जल्दीबाजी में नई ओपीडी बिल्डिंग पर कब्जा तो ले लिया, लेकिन अब इस बिल्डिंग में आ रही समस्याओं ने मैनेजमेंट की सिरदर्दी बढ़ा दी है। इस बिल्डिंग में अब भी अधूरे काम चल रहा है। ओपीडी और एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्शन नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो चुका है। लेकिन, कहीं बिल्डिंग मैटेरियल बिखरा हुआ है तो कहीं गंदगी के ढेर हैं। एक मात्र लिफ्ट शुरू हुई है, लेकिन वह भी पिछले दिनों फंस गई। अब पेशेंट और उनके लिफ्ट में जाने से डर रहे हैं। ठेकेदार फर्म छोटे-छोटे काम करने में आनकानी कर रही है।

सरकार के कंट्रोल से बाहर

इस बिल्डिंग का लोकार्पण हुए एक साल होने वाला है। एक साल बाद भी कोई सुविधाएं दुरुस्त नहीं हो पाई हैं। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से बनाई गई दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की नई ओपीडी बिल्डिंग को 5 मार्च को सीएम ने लोकार्पण किया था। सीएम ने सितम्बर माह तक बिल्डिंग के बी ब्लॉक का भी काम पूरा करने के लिए निर्देशित कहा था। सितम्बर के बाद अब फरवरी आ गया, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया है। इस बीच एमसीआई की ने दून मेडिकल कॉलेज में इस साल से पीजी का कोर्स की भी मंजूरी दे दी है। अब हॉस्पिटल में 300 अतिरिक्त बेड लगाए जाने हैं। इसके लिए हॉस्पिटल के एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्शन को नई ओपीडी बिल्डिंग के पांचवें फ्लोर में शिफ्ट कर दिया। लेकिन, बिल्डिंग अब भी आधी-अधूरी ही बन पाई है। हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि ठेकेदार फर्म काम पूरा करने में लेट-लतीफी कर रही है। कई बार शासन से इस बारे में शिकायत की जा चुकी है।

खंडहर बन गया एक हिस्सा

बिल्डिंग का कोना खंडहर जैसा बना हुआ है। यहां काम अब भी शुरू नहीं हो पाया है। यहां पर पेंशेन्ट्स के लिए लिफ्ट लगनी है, लेकिन फिलहाल यह जगह एक होल के रूप में है और डस्टबिन के काम आ रहा है।

टॉयलेट सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर

दून हॉस्पिटल की न्यू ओपीडी बिल्डिंग में पांच फ्लोर हैं। पांच फ्लोर पर ओपीडी शुरू हो गई हैं। एक्स-रे मशीन भी इस बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन, पूरी बिल्रिूंग में टॉयलेट सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर ही है। इससे हॉस्पिटल के स्टाफ, पेंशेन्ट्स और उनके अटेंडेंट को परेशानी हो रही है। महिलाओं, मानसिक रोगियों, बच्चों और बुजुर्गो को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पीने का पानी तक नहीं

बिल्डिंग में अभी तक पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां आने वालों को हॉस्पिटल के बाहर दुकानों से बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है। ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स और स्टाफ पानी की बोतल साथ में लाते हैं।

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हम कई बार यूपी निर्माण निगम को कह चुके हैं। यहां तक की प्रशासन को भी पत्र सौंपा जा गया है। अब कोई परेशानी होने पर कंपनी को कहने के बजाए हम अब सीधी संबधित एंजेसी को सूचित किया जा रहा है।

डॉ। आशुतोष सयाना

प्रिंसिपल

Posted By: Inextlive