- मेरठ के सभी मुव्वकिलों और वादियों की बनाई जाएगी लिस्ट

- टीमें बनाकर उनके घरों में जाएंगे वकील

- इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे हैं मेरठ के हजारों केस

Meerut : भले ही वकीलों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी हो, लेकिन वकील आंदोलन को कमजोर करने के कतई मूड में नहीं है। वकीलों ने अपने आंदोलन को जनआंदोलन बनाने के लिए डोर-डोर अभियान चलाने की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के तहत जिले के सभी वादियों और मुव्वकिलों को से मुलाकात की जाएगी और उन्हें अपने अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। आपको बता दें कि जिले में हजारों केस इलाहाबाद में पेंडिंग पड़े हुए हैं। जिन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

बनाई जाएगी लिस्ट

वकीलों की माने तो वकीलों और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को ये बात समझ आ गई है कि वेस्ट यूपी में बेंच के आंदोलन को जब तक जन आंदोलन नहीं बनाया जाएगा तब तक कोई सफलता मिलने वाली नहीं है। इसलिए ऐसे लोगों की लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है जिनके केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे हैं। इस लिस्ट में वादियों और मुव्वकिलों दोनों के नाम होंगे। वकीलों की मानें तो इस आंदोलन को जनआंदोलन बनाने के लिए वकीलों की टीम बनाई जाएगी। जो अलग-अलग काम करेगी।

ये होंगी टीमें

जनआंदोलन का रूप देने के लिए वकीलों की कई तरह की टीमों का गठन किया जाएगा। जिनके पास अलग-अलग काम होगा। एक टीम को लिस्ट बनाने का काम दिया जाएगा। जो वकीलों और इलाहाबाद में संपर्क कर ऐसे नामों को खोजेगी। दूसरी टीम उस लिस्ट के अकॉर्डिग उनके घरों पर जाकर लोगों से बात करेगी। इस टीम के अंडर में कई तरह की सब टीमें होंगी। जो एरिया वाइज जाकर लोगों से मिलेंगी। वहीं एक टीम को आंदोलन को जीवंत रखने का काम करेगी। जो पुतला दहन और जरूरत पड़ने पर हड़ताल के दौरान उसे कायम रखने का काम करेगी।

शुरू हो गई है तैयारी

वरिष्ठ वकीलों की मानें तो इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। हम ऐसे वकीलों की टीम बना रहे हैं जो यूथ हों और इनर्जेटिक हो। ताकि वो जनआंदोलन को पूरी तरह स्पीड दे सकें। साथ ही लोगों को घरों से बाहर निकालने के लिए मजबूर कर सकें। बेंच का जो आंदोलन है वो वकीलों का निजी मसला नहीं है। इससे आम लोगों को फायदा होगा और लोगों को न्याय के लिए म्00 किलोमीटर दूर नहीं जाना होगा। उनके लिए न्याय सस्ता और सुलभ हो जाएगा। ऐसे में आंदोलन में पब्लिक का कनेक्ट होना काफी जरूरी है।

सिनेमा हॉल में भी किया जाएगा जागरुक

वहीं वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मानें तो लोगों को जोड़ने के लिए एक डेढ़ मिनट की फिल्म बनाई जाएगी। इस फिल्म में लोगों को वेस्ट यूपी बेंच के आंदोलन से जुड़ने की अपील की जाएगी। साथ ही उसमें कुछ इंटरव्यू भी होंगे जो इलाहाबाद कोर्ट में जाने का अपना दर्द बयां करेंगे। इस फिल्म को वेस्ट यूपी के सभी सिनेमाघरों में चलाया जाएगा।

वर्जन

हमने भले ही हड़ताल को सस्पेंड कर दिया हो, लेकिन हम अपने आंदोलन को खत्म बिल्कुल भी नहीं करेंगे। अपने आंदोलन को जन आंदोलन तब्दील करने की अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

- डीडी शर्मा, चेयरमेन, वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति

हम सभी वकीला मेरठ के सभी वादियों से डोर टू डोर जाकर संपर्क करेंगे। ताकि इस आंदोलन को व्यापक जनआंदोलन बनाया जा सके। इसके लिए हम अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं।

- राम कुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

वकीलों ने चीफ जस्टिस को भेजा प्रस्ताव

हड़ताल कॉलअप करने के बाद मेरठ बार एसोसिएशन की ओर से इलाहाबाद चीफ जस्टिस को मेरठ की ज्यूडीशरी वापस लाने का प्रस्ताव भेज दिया है। बार अध्यक्ष डीडी शर्मा ने बताया कि नवंबर माह से चल रही हड़ताल से सभी वकीलों ने कोई काम नहीं किया है। हड़ताल को सस्पेंड करने के बाद अब चाहते हैं कि मेरठ की ज्यूडशरी वापस लाई जाए। आपको बता दें कि काफी समय से चल रही हड़ताल की वजह से हाईकोर्ट ने मेरठ की ज्यूडीशरी मुरादाबाद कर दी थी। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा था।

Posted By: Inextlive