डॉट्स का इलाज बढ़ाएगा टीबी मरीजों का वजन
डिस्ट्रिक्ट के चार हजार से अधिक टीबी रोगियों के लिए अच्छी खबर है। टीबी रोगियों को अब दवाओं के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी दिया जाएगा। दूध पाउडर, मूंगफली व सोयाबीन उनके डाइट चार्ट में शामिल किया जाएगा। ताकि उनकी कमजोरी को दूर किया जा सके। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले माह में डीएमसी सेंटर से पौष्टिक आहार का वितरण भी शुरू कर दिया जाएगा। क्योंकि इनमें पौष्टिकता की मात्रा अधिक होती है, जिससे क्षय रोगियों का वजन बढ़ेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है। दरअसल, हेल्थ डिपार्टमेंट टीबी मरीजों का वजन बढ़ाने के लिए काफी संजीदा है। आम तौर पर टीबी मरीजों का वजन आम आदमी की तुलना में अपेक्षाकृत कम होता है। इसका मेन कारण मरीजों में खून की कमी को माना जा रहा है। खून की कमी के कारण मरीज का वेट डेली घटता है। ऐसे में शासन ने तय किया है कि मरीजों के वजन को बढ़ाने के लिए उन्हें दूध, सोयाबीन और मूंगफली दी जाए।
एएनएम घर-घर पहुंचाएगी पोषणडिस्ट्रिक्ट में 40 डीएमसी सेंटर और 500 डॉट्स सेंटर हैं, जहां मरीजों को दवाईयां दी जाती हैं। उन्हीं सेंटर्स से पोषण आहार वितरित किया जाएगा। इसके अलावा रूरल एरिया में एएनएम भी मरीजों को पोषण आहार वितरण करने में मदद करेंगी। जहां पर डीएमसी सेंटर दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हैं वहां एएनएम पोषण आहार मरीजों को घर तक पहुंचाएंगी।
हर माह होगा वजनआहार वितरण के हर माह बाद टीबी मरीजों का डीएमसी सेंटर में वजन कराया जाएगा। इन सेंटर्स में वजन मशीन पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है। अभी तक सिर्फ दवाएं वितरित कराए जाने के एवज में वजन मशीन नहीं रखी गई थी। रूरल एरिया में एएनएम द्वारा पोषण आहार वितरण में लापरवाही बरत सकती हैं। जिस कारण मरीजों को पर्याप्त सामग्री नहीं मिल पाएगी। इन दोनों तथ्यों के आधार पर वजन कराना अनिवार्य किया गया है। एक माह में एक केजीटीबी रोगियों को दिए जाने वाले आहार में एक केजी दूध पावडर, एक केजी सोयाबीन और एक केजी मूंगफली दाना दिया जाएगा। दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट समेत फैट की मात्रा पाई जाती है। इसी तरह सोयाबीन और मूंगफली दाने में भी ऐसे तत्व रहते हैं जो मानव शरीर में नया खून बनाने में मददगार होते हैं। नया खून बनने के बाद वेट भी बढ़ता है। यही वजह है कि मरीजों के लिए इन पोषक तत्वों को शामिल किया गया है।शासन की ओर से हरी झंडी मिल गई है। कुछ जिलों में तो शुरुआत भी हो चुकी है। अपने यहां भी जल्द ही इसकी शुरुआत होने जा रही है। कागजी कार्रवाई अंतिम चरण में है।
डॉ। केके ओझा, डीटीओ मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा एक नजर4000से अधिक है डिस्ट्रिक्ट में टीबी रोगी147से अधिक है एमडीआर पेशेंट40डीएमसी सेंटर है संचालित500है डॉट्स सेंटर10एनजीओ भी कर रही है काम01केजी मिलेगा दूध पाउडर01केजी मिलेगा सोयाबीन01केजी मिलेगा मूंगफली दाना