प्रेमनगर डबल मर्डर केस : सत्संगी दंपत्ति की हत्या का आरोपी ऑटो ड्राइवर वारदात के सात दिन बाद गिरफ्तार, पूछताछ मेंआरोपी के कई दावों को परिजनों ने नकारा, पुलिस पर भी खड़े किए सवाल

- आरोपी का दावा, बैंक मैनेजर ने ही पति का मरवाने का बनाया था पूरा प्लान

- रूपा को ऑफिस छोड़ने और लाने के दौरान ही दोनों के बीच बढ़ी थी नजदीकियां बरेली : प्रेमनगर के गुलमोहर पार्क में हुई सत्संगी दंपत्ति की हत्या के मामले का सात दिन बाद वेडनेसडे को खुलासा हो गया है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी अनुराग उर्फ अन्नु उर्फ वासु दंपत्ति केमोहल्ले का ही था और उनका परिचित भी। पुलिस ने आरोपी के पास से लूट का सामान और उस मूसल को भी बरामद कर लिया है, जिसे हत्या की गई थी। किराए पर ऑटो चलाने वाले अनुराग ने पुलिस पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। आरोपी का कहना है कि रूपा सत्संगी से उसके आठ साल से संबंध थे और पति को मारने के लिए उन्होंने उसे पांच लाख की सुपारी दी थी।

हत्यारोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने वेडनेसडे को पूरे मामले को मीडिया के सामने परत दर परत खोला। इस दौरान डीआईजी राजेश कुमार पाण्डेय, एसएसपी के मुनिराज जी, एसपी क्राइम रमेश भारतीय, एसपी सिटी अभिनंदन सिंह मौजूद थे। पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से पीलीभीत का रहने वाला अनुराग कई वर्षो से शहर में रहकर ऑटो चलाता था जबकि पत्नी ब्यूटी पार्लर पर काम करती है। वह गुलमोहर पार्क मोहल्ले में सत्संगी दपंत्ति के घर के पास ही किराए पर कई वर्ष से रह रहा है। पूछताछ में अनुराग ने पुलिस को बताया कि आठ वर्ष से वह बैंक मैनेजर रूपा सत्संगी को को ऑफिस छोड़ने ओर लेने जाता था। इसी दौरान दोनों के संबंध हो गए थे। वह रूपा के बीमार पति नीरज सत्संगी को भी दवा दिलाने के लिए ऑटो से हॉस्पिटल ले जाता और लाता भी था।

अनुराग के मुताबिक, रूपा सत्संगी ने एक दिन पति की हत्या करने के लिए उसे पांच लाख की सुपारी देने का प्रस्ताव दिया था। रकम सुनकर वह तैयार हो गया। रूपा ने 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए। 25 हजार रुपए हत्या के बाद और बाकी रकम 15 दिन बाद देने की बात तय हुई। इसके बाद रूपा ने उसे हत्या का पूरा प्लान समझाया। हत्या कब, कैसे और कहां करनी है। हत्या के बाद शव को बाथरूम में छिपा देना भी प्लान का हिस्सा था। फिर सबको टंकी से टकराकर घायल होकर मारे जाने की बता बता दी जाएगी।

अनुराग ने पुलिस को बताया कि 10 हजार रुपए लेकर वह 13 जुलाई को पीलीभीत गया। वहां से लोहे की मूसली, एक काले रंग का कैप, मेडिकल मॉस्क और एक कॉला बैग खरीदा था। इसके बाद 24 जुलाई को रूपा के घर तय समय पर पहुंचा। घर का दरवाजा पहले से खुला था। वह सीधे घर में घुसा और खाना खा रहे नीरज सत्संगी के सिर पर मूसल से कई वार कर दिए। हमले से नीरज चीखने चिल्लाने लगे। इससे घबराकर रूपा की भी चीख निकल गई। खुद को फंसता देख उसने रूपा पर भी मूसल से ताबड़तोड़ वार कर दिए। जब तक मोहल्ले के लोग चीख सुनकर जमा हुए, तब तक वह छत से होता हुआ मौके से भाग गया।

भागने के दौरान छत से कूदने पर अनुराग घायल हो गया था। किसी तरह वह रोडवेज बस स्टैंड पहुंचा। यहां से वह बस से दिल्ली पहुंचा, जहां उसने एक हॉस्पिटल में इलाज कराया। लेकिन जब हॉस्पिटल ने आधार कार्ड और रुपए मांगे तो वह वहां से भागकर अपनी बहन के घर आगरा पहुंच गया। यहां से जब वह एंबुलेंस से रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज के लिए निकला, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

31 को था रिटायरमेंट

रूपा सत्संगी 31 जुलाई को रिटायर होने वाली थीं। रिटायरमेंट के बाद उनका बेटे के पास गुरुग्राम शिफ्ट होने का इरादा था। लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गई।

ये चीजें हुई बरामद

- रूपा का पर्स और आईडी कार्ड

- मोबाइल, लूटे गए 2162 रुपए

- बैंक पासबुक और चेकबुक

- एक जोड़ी चप्पल

-------------------

बॉक्स : मोहल्ले वालों ने भी नहीं पहचाना आरोपी को : डीआईजी

डीआईजी राजेश पाण्डेय ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि आरोपी की सीसीटीवी फुटेज और वीडियो सार्वजनिक किए गए थे। मोहल्ले वालों को भी दिखाए थे, लेकिन किसी ने आरोपी को पकड़वाने में मदद नहीं की। किसी व्यक्ति ने गोपनीय तरीके से भी पुलिस को आरोपी के बारे में जानकारी देने की जरूरत नहीं समझी। इस कारण पुलिस हत्यारोपी को एक हफ्ते बाद पकड़ पाई।

जांच टीम को नकद पुरस्कार

डीआईजी ने हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र भी देने की घोषणा की है। वहीं एसएसपी ने 25 हजार नकद पुरस्कार देने की बात कही।

ये थे जांच टीम में

इंस्पेक्टर प्रेमनगर बलवीर सिंह, क्राइम ब्रांच के एसआई फतेह सिंह, इंटेलिजेंस के एसआई अब्बास हैदर, इंटेलीजेंस विंग के गिरीश जोशी, कोतवाली पुलिस के सिद्धांत शर्मा और प्रेमनगर थाने के एसआई कपिल।

Posted By: Inextlive