-करीब सवा करोड़ में हुआ था मकान बेचने का सौदा

-36 लाख रुपए जमा हो चुके थे मृतक के खाते में

-हत्या इन्हीं रुपयों के लिए तो नहीं की गई

करीब सवा करोड़ में हुआ था मकान बेचने का सौदा

-फ्म् लाख रुपए जमा हो चुके थे मृतक के खाते में

-हत्या इन्हीं रुपयों के लिए तो नहीं की गई

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बिजनेसमैन सुरेंद्र भल्ला और उनकी पत्‍‌नी कमल भल्ला की हत्या की गुत्थी बुधवार को बेटे के सामने आने के बाद और उलझ गई। परिस्थितिजन्य साक्ष्य लूट के लिए हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। इसका कारण है डील के तहत मिले फ्म् लाख रुपए। हत्यारों ने यह तो पता लगा लिया लेकिन यह वेरीफाई करने में चूक कर गए कि रुपए कैश लिए गए हैं या इन्हें सीधे बैंक खाते में जमा करा दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार बदमाश लूट की नीयत से स्पॉट पर पहुंचे थे और बुजुर्गो के जाग जाने पर उन्हें मौत के घाट उतारकर भाग निकले।

करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक थे

सुरेंद्र भल्ला ने अपनी मेहनत की बदौलत शहर में अच्छी प्रापर्टी बनाई थी। उनके मुट्ठीगंज स्थित मकान का सौदा चार लोगों ने मिलकर क्.क्म् करोड़ रुपए में तय किया था। सूत्र बताते हैं कि इसमें से फ्म् लाख रुपयों का भुगतान किया जा चुका था। यह डील इसी महीने की गई थी और इसे क्भ् अगस्त तक क्लोज कर देने की योजना थी। शायद यही कारण था कि अकेले रहने वाले दम्पत्ति ने घर से सामान निकालना शुरू कर दिया था। मकान बिक्री के लिए डील हो जाने की सूचना निश्चित तौर पर आसपास के लोगों को थी। इसके अलावा राजेन्द्र की पत्‍‌नी कमल भल्ला के पास जेवरात भी अच्छी खासी मात्रा में थे। हालांकि घटना के बाद सामने आई मझली बेटी अल्पा का कहना है कि जेवरात मुंबई के लॉकर में हैं? अब पुलिस के गले नहीं उतर रहा है क्योंकि अभी न तो वह मुंबई में शिफ्ट हुए थे और न ही मुंबई में रहने वाली बेटी सैटिल्ड थी।

घर पर नहीं मिली थी कोई ज्वैलरी

मंगलवार को घटना की सूचना मिलने के बाद स्पॉट पर पहुंची पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली थी। इस दौरान आलमारी का ताला टूटा हुआ मिला था। पूरे घर के सामान अस्त-व्यस्त थे। पूरे घर में ज्वैलरी नाम की कोई चीज नहीं मिली। कोई कीमती सामान भी नहीं मिला था। इससे तो लूट की नीयत से हत्या के संकेत मिले थे लेकिन मौके पर पहुंची मझली बेटी के बयान से कहानी बदल गई थी। अब एक बार फिर लूट के लिए हत्या के ट्रैक पर लौटना पुलिस के लिए मजबूरी बन गया है।

पेंचकस और चाकू से हुआ था हमला

बुधवार को मृतकों का पोस्टमार्टम होने पर पता चला कि दोनों के पेट में बड़े सुराख बने हुए हैं। अंदेशा जताया गया है कि ये सुराग पेंचकर के हो सकते हैं। सुरेन्द्र पर चाकू से भी हमला किया गया है जबकि कमल के शरीर पर पेंचकस के अलावा कोई निशान नहीं मिले हैं। यानी हत्या करने वालों की संख्या कम से कम दो या तीन तो रही ही है। इस तरह का हमला भी लूट के लिए हत्या की कहानी की तरफ संकेत करता है।

रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार

पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर्स ने बॉडी परिवारवालों को सौंप दी। इसके बाद देर शाम रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार के चुनिन्दा लोग ही मौजूद रहे।

अभी तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। जांच सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर की जा रही है। अभी कुछ कहना ठीक नहीं है।

समीर सिंह

एसओ, मुट्ठीगंज

Posted By: Inextlive