- घर लौटते वक्त रात में फारच्युनर पर चलीं गोलियां

- बकरीद पर गांव आई थी भतीजी, कई थानों की फोर्स पहुंची

ALLAHABAD: धूमनगंज एरिया का मरियाडीह गांव शुक्रवार रात गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। आबिद प्रधान की फारच्युनर पर ताबड़तोड़ फायरिंग में चचेरी बहन अल्तमा (30) व ड्राइवर सुरजीत उर्फ पप्पू (28) की मौत हो गई। मौके पर कई थानों की फोर्स पहुंच गई लेकिन हमलावरों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका। आबिद का कहना है कि निशाना वह थे। वह बमरौली में उतर गए थे। हमलावरों ने धोखे में बहन को मार डाला।

बमरौली ऑफिस में रुके थे

आबिद बकरीद पर अपनी फैमिली के साथ गांव के बाहर गए थे। वह रात 9.30 बजे के आसपास काले रंग की फारच्युनर से साथ लौटे थे। वह बमरौली आफिस पर रुक गए। उन्होंने चचेरी बहन अल्तमा को घर पर छोड़ने के लिए ड्राइवर पप्पू को भेजा। अल्तमा की शादी पूरामुफ्ती में हुई थी व वह बकरीद के लिए गांव आई थी। उसके पिता कल्लू का भी 25 साल पहले मर्डर हुआ था। फारच्युनर आबिद प्रधान के घर के 500 मीटर पहले सुनसान इलाके में पहुंची ही थी कि चारों ओर से फायरिंग शुरू हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर गांव के लोग दौड़े लेकिन तब तक हमलावर भाग चुके थे। मौके पर जब लोग पहुंचे तो अल्तमा की बॉडी फारच्युनर के भीतर पड़ी थी तो ड्राइवर पप्पू की बॉडी सड़क पर। आसपास कई चप्पल भी पड़े मिले।

ताक लगाकर बैठे थे हमलावर

आशंका है कि हमलावर खेतों में ताक लगाकर बैठे थे। बदमाश बाइक दूर छोड़ आए थे। भागते वक्त कुछ के चप्पल छूट गए। गोलियां चारों तरफ से बरसाई गई थीं। हमलावरों की संख्या के छह या इससे अधिक रहने की आशंका है। गोलियां रायफल, पिस्टल व तमंचों से भी चलाई गई। कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस ऑफिसर्स मौके पर पहुंच गए थे। रात 11 बजे तक पुलिस को तहरीर नहीं मिली थी। हमला पुरानी रंजिश को लेकर किए जाने की बात सामने आई है।

Posted By: Inextlive