कहते हैं कि दूरियां आ भी जाएं पर फिर भी दोस्‍ती भुलायी नहीं जाती. ऐसा ही कुछ हुआ सचिन तेंदुलकर के साथ जब उन्‍हें अपने पुराने दोस्‍त विनोद कांबली की याद आयी.


सचिन तेंदुलकर ने तीन दिन पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी और विनोद कांबली की स्कूल डेज की एक फोटो अपलोड की है और उसका कैप्शन है डाउन टू द मैमोरी लेन. इस तस्वीर ने सचिन और कांबली की पुरानी कहानी को फिर ताजा कर दिया है. एक ही स्कूल शारदाआश्रम विद्या मंदिर में पढ़ने वाले सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली अपने स्कूल के दिनों में ही लोगों की नजर आ गए थे जब उन्होने अपनी स्कूल टीम के लिए खेलते हुए 664 रन की नाबाद पार्टनरशिप की और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. गुजरते वक्त में ये दोस्ती आगे चलती रही और दोनों ही इंडियन क्रिकेट टीम से भी जुड़े. पर जहां कांबली लगातार टीम से अंदर बाहर होते रहे वहीं सचिन ने अपना एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. फाइनली 23 साल की उम्र में अपना 1995 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल कर कांबली ने इंटरनेशनल क्रिकेट से विदा ले ली और सचिन आगे बढ़ गए. लेकिन ये दोस्ती बनी रही और लोग विनोद को तेंदुलकर का पक्का दोस्त मानते रहे.
लेकिन कुछ अर्सा पहले एक टीवी शो में कांबली के स्टेटमेंट ने इस लंबी दोस्ती की पार्टनरशिप को ब्रेक कर दिया. कांबली ने कहा जब वो करियर में मुश्किल दौर से गुजर रहे थे तो सचिन ने उनका साथ नहीं दिया. कांबली को लगता है कि तेंदुलकर चाहते तो उनका करियर बचा सकते थे. बस इसके बाद इस दोस्ती में दरार पड़ गयी और ये दोनों फिर साथ नजर नहीं आए.  यहां तक कि सचिन ने अपने गृहप्रवेश के फंक्शन में भी कांबली को इन्वाइट नहीं किया. कांबली ने कई बार अपना पक्ष रखने की कोशिश की लेकिन रिश्तों में वो गरमाहट वापस नहीं आयी. लेकिन अब इंस्टाग्राम पर ये तस्वीर देख कर लगता है कि सचिन के दिल में अब भी कांबली के लिए इमोशंस बाकी हैं. आज भी सचिन को बचपन की वो दोस्ती याद आती है. दोस्त बेशक दूर हो गया पर दोस्ती की यादें ताजा है और दिल के काफी करीब हैं. हालाकि सचिन का कहना है कि वो जिंदगी में काफी आगे बढ़ चुके हैं. उनके लिए उनका परिवार ही सब कुछ है और वो अपने परिवार की बदौलत ही इस मुकाम पर हैं, लेकिन वे कांबली के बारे में कुछ नहीं कह सकते क्योंकि वो अलग इंसान र्हैं और अलग माहौल से आए हैं.

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Posted By: Molly Seth