दहेज उत्पीड़न के मामले में पीडि़ता को नहीं जाना होगा परिवार परामर्श केंद्र

सैकड़ों महिलाओं ने की थी डीजीपी से शिकायत, डीजीपी ने दिया आदेश

Meerut। दहेज उत्पीड़न के मुकदमों को दर्ज कराने के लिए अब महिलाओं को पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी। उनका मुकदमा बिना परिवार परामर्श केंद्र में जाए ही दर्ज किया जाएगा। एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि डीजीपी के आदेश के बाद मेरठ में भी इसे लागू कर दिया गया है, जिससे सैकड़ों विवाहिताओं को इसका लाभ मिल सकेगा।

ये है मामला

पिछले कई दिनों से डीजीपी ओपी सिंह के पास सैकड़ों की तादाद में शिकायतें पहुंच रही थी कि पुलिस उनके दहेज उत्पीड़न से संबंधित मामले दर्ज नहीं करती है। मामला टालने के लिए उनको परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया जाता है। वहां पर महीनों चक्कर काटने पर मामला ओर बिगड़ जाता है। उन्हें न्याय मिलने में काफी देर हो जाती है। महिलाओं की शिकायत पर उन्होंने प्रदेश के सभी एसएसपी व एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि वह दहेज उत्पीड़न से संबंधित मामले सीधे दर्ज करें। उनकी तहरीर परिवार परामर्श केंद्र में न भेजी जाए।

जल्द मिलेगा न्याय

महिलाओं के दहेज उत्पीड़न के मामले डायरेक्ट दर्ज होने पर महिलाओं को जल्द न्याय मिल सकेगा। उन्हें परिवार परामर्श केंद्र में चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। कई बार देखने में आता है कि पुलिस अधिकारी भी मामला टालने के लिए तहरीर को परिवार परामर्श केंद्र में भेज देते है।

महीनों बाद लगती है रिपोर्ट

अभी तक दहेज उत्पीड़न के सभी मुकदमें परिवार परामर्श केंद्र की रिपोर्ट के बाद ही दर्ज होते थे। दरअसल, परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर दोनों पक्षों की मीटिंग के बाद ही अपनी रिपोर्ट लगाते है। मगर इसमें महीनों लग जाते हैं।

Posted By: Inextlive