प्रापर्टी, मरीज से विवाद या कुछ और है हत्या की वजह अभी कोई सुराग नहीं

सीसीटीवी फुटेज, टावर एरिया में संदिग्ध की मौजूदगी के सिरे जोड़ने में उलझी है पुलिस

ALLAHABAD: ऑर्गनाइज क्राइम और फुल प्रूफ प्लानिंग से घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों तक पहुंचना पुलिस के लिए हमेशा चैलेंजिंग रहा है। ऐसा एक-दो नहीं दर्जनो घटनाओं में सामने आ चुका है जब पुलिस को अपने तरकश के हर तीर छोड़ देने के बाद भी शिकार का पता नहीं चला। लगभग यही स्थिति डॉ। अश्वनी कुमार बंसल मर्डर केस की है। एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, एसएसपी, एसपी सिटी के साथ दरोगाओं की एक्सपर्ट टीम लगी है लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी न हत्या के कारण का कोई क्लू मिला है और न ही हत्यारे का कोई सुराग। हत्यारों की वर्किंग स्टाइल और फुल प्रूफ प्लानिंग ने पुलिस अफसरों की नींद उड़ा दी है। पूरा कंसंट्रेशन घटनास्थल के टॉवर एरिया में संदिग्ध गतिविधियों वाले लोगों की मौजूदगी, सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल के लोगों से पूछताछ पर है लेकिन यहां से भी अभी तक रास्ता दिखाने वाला कोई तथ्य नहीं मिला है। आशंकाएं और संभावनाओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि अंधेरे में रौशनी की एक किरण मिले।

अस्पताल में ही तो नहीं दफन है राज

हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग

पूर्व पार्षद व अधिवक्ता शिव सेवक सिंह ने डा बंसल की हत्या पर गहरा दु:ख प्रकट किया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि तत्काल डॉक्टर के हत्यारों की गिरफ्तारी की जाय। क्योंकि, इस घटना ने डॉक्टर, व्यापारियों के साथ सामान्य नागरिकों में दहशत भर दी है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। व्यापारी एकता समिति ने शहर में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एसएसपी कार्यालय का घेराव किया। साथ ही सैकड़ों व्यापरियों ने अपनी सुरक्षा की मांग की। घेराव करने वालों में विजय गुप्ता, राजेन्द्र साहू, रानी केसरवानी, साहेब आलम समेत कई लोग शामिल थे।

अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जा रही है। अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ जारी है। साथ ही हत्यारों के बारे में भी सुराग लगाया जा रहा है।

डा विपिन टाडा, एसपी सिटी

शहर के जाने माने चिकित्सक डॉ एके बंसल की हत्या गुरुवार की शाम हुई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने शहरवासियों को हिलाकर रख दिया। व्यापारी-डॉक्टर सब सन्नाटे में हैं। शहर में डॉक्टर बंसल को जानने वाले हजारों में हैं। दर्जनो लोगों के साथ उनका उठना बैठना था। लेकिन, किसी को कुछ पता नहीं है कि डॉक्टर की हत्या की वजह क्या हो सकती है। संभावनाओं के आधार पर फिलहाल प्राइम सस्पेक्ट हॉस्पिटल स्टॉफ के लगभग सभी सदस्यों से पूछताछ हो चुकी है। सर्विलांस से जो संकेत मिले हैं उसके एक व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध है। वह घटना के समय मौजूद था लेकिन इसके बाद लापता हो गया। उसने हॉस्पिटल प्रिमाइस में इंट्री नहीं ली। करीब एक साल पहले सिटी के एक फेमस कांट्रैक्टर की हत्या हुई थी। इस हत्या में शामिल एक शूटर की लोकेशन भी जीवन ज्योति हॉस्पिटल को कवर करने वाले टावर एरिया में मिली है। लेकिन, फिलहाल दोनों पहुंच से दूर हैं।

कौन आया ब्लैक शीशे वाली कार से

घटना की कड़ी से कड़ी जोड़ने में लगी पुलिस किसी भी पहलू को इग्नोर नहीं करना चाहती। इसी के चलते पुलिस को एक कार की मौजूदगी खटक रही है। एक्चुअली यह कार वहीं खड़ी थी जहां से संभावना है कि बदमाशों ने हॉस्पिटल में इंट्री ली। ब्लैक शीशी वाली इस कार में कौन आया था? क्यों घटना के बाद कार गायब हो गयी? पुलिस सूत्रों के मुताबिक कार में बैठा शख्स अस्पताल का बताया था। लेकिन, फिलहाल इसमें कयासों से ऊपर कुछ भी नहीं है। न कार का नंबर पता है और न कोई ऐसी डिटेल अब तक पुलिस के हाथ लगी है जो रास्ता दिखा सके।

शूटर इस एरिया में क्या कर रहा था

डॉ बंसल हत्याकांड की जांच में सर्विलांस पर कंसंट्रेट कर रही पुलिस टीम को टावर एरिया में कुछ लोगों की मौजूदगी खटक रही है। इसमें एक शार्प शूटर भी शामिल है जिसका नाम करीब एक साल पूर्व हुए कांट्रैक्टर की हत्या में सामने आया था। एक और सख्श की मौजूदगी जो खटक रही है वह अस्पताल में एक महिला से मिलने अक्सर आता था। दोनों की लोकेशन वारदात के दिन अस्पताल के बाहर मिली है। पुलिस के लिए थोड़ा परेशान करने वाला तथ्य यह भी है कि शूटर की लोकेशन फिलहाल शहर से बाहर है। शक करने के लिए हालांकि यह फैक्ट काफी है लेकिन यह किसी नतीजे तक तभी पहुंचाएगा जब वह सख्श पुलिस के हाथ लगे। टीमें लगी हैं लेकिन फिलहाल उसका कुछ पता नहीं है।

कैमरे को सही क्यों नहीं कराया गया

जीवन ज्योति हास्पिटल में ऊपर से नीचे तक कुल 76 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सिक्योरिटी को टाइट रखने के लिए लगाए गए इन कैमरों में दस खराब बताए गए हैं। संयोग से इसमें एक वह भी है जहां से डॉक्टर का चैम्बर सीधे कवर होता है। इसके बाद भी इसे ठीक न करवाया जाना पुलिस को खटक रहा है। संभव है कि टेक्निशियन न मिलने के चलते ऐसा हुआ हो और यह भी संभव है कि इस एरिया को सबसे सुरक्षित मानकर थोड़ी लापरवाही हो गई हो। लेकिन, पुलिस इसे भी टटोलने में लगी है। यह जानने की कोशिश में लगी है कि इसका राज क्या है। ऐसा तो नहीं है कि जानबूझकर ऐसा किया गया। इसमें थोड़ा दम इसलिए भी नजर आता है क्योंकि डॉ। बंसल सिक्योरिटी से कभी कोई समझौता नहीं करते थे। उनके पास पैसे की भी कोई कमी नहीं थी। इसी के चलते पुलिस कैमरे के मानिटरिंग करने वाले कर्मचारियों से कई राउंड पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने मानिटरिंग रूम में लगे डिजिटल विडियो रिकार्डिग सिस्टम को अपने कब्जे में ले लिया है।

Posted By: Inextlive