- हैनिमैन के दिखाए रास्ते पर चल रही होमियोपैथी

- डॉ। अमूल्य रतन बनर्जी और डॉ। हेमंत बनर्जी के होमियोपैथी के शोधों पर कार्य कर रहे डा। राम रतन बनर्जी

GORAKHPUR: सन 1900 में रेलवे कर्मचारी डॉ। अमूल्य रतन बनर्जी ने गोरखपुर में होमियोपैथी चिकित्सा की नींव डाली। उनके पुत्र डॉ। हेमंत बनर्जी ने शोध कर इस चिकित्सा पद्धति को पूर्वाचल में नया आयाम दिया। इसके बाद डॉ। राम रतन बनर्जी ने अपने इलाज से होमियोपैथी में गोरखपुर का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ। सैमुएल हैनिमैन की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ। रामरतन बनर्जी ने बताया कि डॉ। हैनिमैन एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में इलाज करते थे। विशेष चिकित्सा के लिए उन्होंने प्रयोग किया। तमाम कठिनाइयों के बाद उन्होंने प्रयोग जारी रखा। आज होमियोपैथी उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ रही है।

लाखों को मिल रहा रोजगार

अब होमियोपैथी की दवा बड़ा बाजार है। डॉ। बनर्जी ने बताया कि आज होमियोपैथिक दवाओं का कारोबार अरबों का है। इससे लाखों कर्मचारियों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में होमियोपैथी चिकित्सा की जड़े काफी गहरी हैं। इसकी शुरुआत 1900 में गोरखपुर बनर्जी परिवार के आने से हुई थी। डॉ। अमूल्य रतन बनर्जी भारतीय रेल सेवा के कर्मचारी थे। आफिस से छूटने के बाद वे घर की दालान में कुर्सी लगाते थे। रोगियों के दरी लगाई जाती थी, डॉ। अमूल्य रतन मरीजों से पैसा नहीं लेते थे। उनकी इलाज से ठीक हुए लोग धीरे-धीरे होमियोपैथी के प्रचारक बन गए। उसके बाद उसके बाद उनके पुत्र डॉ। हेमंत कुमार बनर्जी ने गोरखपुर में होमियोपैथी चिकित्सा पद्धाति को ऊंचाई दी। अब उनके पौत्र डॉ। रूप कुमार बनर्जी और पुत्री रचना बनर्जी भी रोगियों की सेवा कर रहे हैं।

कस्टम ड्यूटी हटवाई

प्रदेश, देश की सीमाएं लांघते हुए डॉ। राम रतन बनर्जी की ख्याति पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, दुबई, बैंकॉक सिंगापुर, आबूधाबी आदि देशों के साथ ओमान तक पहुंची। ओमान के काजी साहब इनके इलाज से ठीक होने के बाद इनकी फीस देने लगे तो इन्होंने फीस लेने से इनकार कर ओमान में होमियोपैथी दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटवाने की मांग की। जिसपर उन्होंने तत्काल एक्शन लिया और अब होम्योपैथी दवाओं पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगती।

हैनिमैन को याद किया

होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ। सैमुएल हैनिमैन की जयंती के उपलक्ष्य में रैम्पस स्कूल में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। जिसमें डॉ। रूप कुमार बनर्जी ने सैकड़ों बच्चों का हेल्थ चेकअप कर दवाएं दी। इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कई ऐसी बीमारियां हैं जिनका इलाज होमियोपैथी चिकित्सा में ही संभव है। इस दौरान डॉ। अमित श्रीवास्तव, डॉ। डीपी श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

Posted By: Inextlive