RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार प्रोवीसी का पद किसी महिला को मिला है। यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग की डॉ कामिनी कुमार को ही आरयू का प्रो वाइस चांसलर बनाया गया है। उनके नाम पर गवर्नर सह चांसलर द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मुहर लगा दी है।

म् माह से खाली था पद

रांची यूनिवर्सिटी में प्रोवीसी का पद पिछले छह महीने से खाली था। बीएचयू के प्रोफेसर शैलेंद्र शुक्ला की ज्वाइनिंग क्7 जून ख्0क्म् को हुई थी लेकिन उन्होंने मात्र डेढ़ महीने के कार्यकाल में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से रांची यूनिवर्सिटी में प्रोवीसी का पद खाली चल रहा था।

नई प्रोवीसी के समक्ष चुनौतियां

रांची यूनिवर्सिटी में तीन लाख से अधिक डिग्रियां पेंडिंग पड़ी हैं। ऐसे में तीन लाख डिग्रियों पर हाथ से सिग्नेचर करना नई प्रोवीसी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौैती होगी। इसके साथ ही परीक्षा विभाग में मैन पावर की कमी, बार बार परीक्षा के दौरान क्वेश्चन पेपर की कमी होना सहित अन्य ऐसी समस्याएं हैं जिनसे नई प्रोवीसी को जूझना पड़ेगा। हालांकि डॉ कामिनी कुमार के पास अच्छा कार्य अनुभव है। वह बॉटनी विभाग में ही प्रोफेसर और पूर्व रजिस्ट्रार ज्योति कुमार की पत्नी भी हैं। उनका शुरू से ही रांची यूनिवर्सिटी से जुड़ाव रहा है।

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ग‌र्ल्स की बातें विवि तक पहुंचेंगी: डॉ कामिनी

प्रोवीसी का पद दिए जाने पर डॉ कामिनी कुमार ने आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि रांची विवि के लिए हमेशा पॉजिटिव काम करूंगी। हर कार्य में वीसी को मदद करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। फीमेल स्टूडेंट्स के लिए क्या वर्क प्लान है, इस पर कामिनी कुमार कहती हैं कि स्वाभाविक बात है कि लड़कियों के लिए काम जरूर करेंगी। लड़कियों को भी मेरे कार्यो से प्रेरणा जरूर लेनी चाहिए। चूंकि महिला प्रोवीसी होने की वजह से लड़कियों को अपनी बातें विवि तक पहुंचाने में भी सहूलियत होगी।

Posted By: Inextlive