खिचड़ी की सुबह थी, जिसे देखो वही संगम की ओर भाग रहा था। ठंड सवाब पर थी, लेकिन इसके बावजूद गंगा मईया की जय बोलते लोग तेजी से बढ़े चले जा रहे थे। नगर निगम के सामने पहुंचा ही था कि एक चाय की दुकान पर कुछ लोग बैठे नजर आए। चाय चर्चा की रिपोर्टिग के उद्देश्य से ठंड के बावजूद घर से निकला था, दुकान पर चहल-पहल दिखी तो वहीं बैठ गया और एक चाय मंगा चर्चा में शामिल हो गया। लेकिन आज की चर्चा में आश्चर्यजनक रूप से राजनीति कम अपराध अधिक था।

डॉ बंसल की हत्या से चुनावी चर्चा के केन्द्र में आया प्रदेश में बढ़ता अपराध

पब्लिक बोली, हमेसै खबर आत राहत ही ई लड़की के साथ ई होय गा उ लड़की के साथ उ होय गा

vikash.gupta@inext.co.in

हाथ में अखबार लेकर बैठे अनिल चौधरी चाय की चुस्की लेते हुए बोले, डॉ। बसंल की हत्या लागत है मुद्दा बन जाई। सब गुस्से मा हैं और माहौल भी चुनावी है। अब जिस देश मां परधानमंत्री की हत्या होय गई है उहां आम आदमी का बिसात। गुंडन बदमासन के आगे कउन है। कोई नियम कानून है ई देश में।

चौधरी के समर्थन में राम जी यादव भी आ गए, सहीं कहे, अब ई हत्या चुनाव के समय भई है ई तो मुद्दा बन सकत है, नहीं तो इससे बड़ी घटनाएं तो इ लोग पचाई गए। यह सुन वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति बोल पड़े, औउर का लोग परेशान हैं, जहां देखो वहीं हत्या, लूट, डकैती, छिनैती होय जाये रही है। रात में लड़कियन निकल नय सकत घर के बाहर, कउनो दुपट्टा छीन लय रहा है तो कउनो उठाय लय जाय रहा है। लगा ये भी चर्चा में शामिल होंगे, लेकिन वे संगम की तेजी में थे, बोल के निकल लिए।

उनके निकलते ही मियां इरशाद उल्ला के बोल फुटे, शहर में तो कुछ बहुत कम हय, गांव की हालत तो औउर खराब है। कुछ भी होय जाये पुलिस वाले इतनी देर बाद पहुंचत हैं कि तब तक सब खतमय होय जात है। वे इतने पर भी शांत नहीं हुए बोले कउनो कंट्रोलय नय होय पाय रहा है। उनकी बात काट बीच में ही राजू बोले अमें अफसरवे तभई जागत हैं जब तक कुछ बड़ा नय होय जात। अखबार टीबी में जब तक कुछ चलय नय लागत तब तक सब कान में तेल डाले राहत हैं। यह सुन रवि राय भी उछल पड़े, सही कहा अब त वहीं घटना बड़ी हो रही है, जिसपर टीवी, अखबार वाले पीछे पड़ रहे हैं। जेके मीडिया न दिखाये ओके बारे में कुछ पतय न चलै।

अचानक पीछे की टेबल पर बैठे विकास भी चर्चा में कूदे, बोले सब बेरोजगारी अवर महंगाई करवाये रही है। यहां पांच सौ औउर हजार रुपिया में मर्डर होय जाय रहा है। लड़कन का न नौकरी मिल रही है औउर न इतना पईसा है कि कउनो बिजिनेस कर लें तो अपराध न करिहें तो का करिहें, यही में सब अपराधी बन रहे हैं।

चर्चा को काफी देर से सुन रहे अधिवक्ता भविष्य शर्मा से बर्दास्त नहीं हुआ तो वे भी कानूनी तरीके से चर्चा में शामिल हुए और सबके लिए पब्लिक को ही कटघरे में ला दिया। बोले, अपराध रोकने में पुलिस और सरकार से ज्यादा रोल आम लोगों का है। जब तक हम अपनी सोच नहीं बदलेंगे तब तक अपराध नहीं रुकने वाला।

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बाक्स

टीटाइम लोगो

सुरक्षा पर होवै चाही बात

एकाएक चुनावी पंचौरे के केन्द्र में डॉ। एके बंसल हत्याकांड आ गया है। इसमें शामिल लोग इस बात को लेकर गुस्से में हैं कि गुंडे चैंबर में घुसके डॉक्टर को गोली मार दी जा रही है तो आम आदमी की क्या औकात। वे इस बात से भी चकित थे कि सुरक्षा में लगे बाउंसर भी डॉक्टर को बचा नहीं सके। किसी को इस बात की चिंता थी कि जीवन ज्योति के पास इतनी भीड़ रहती है तब भी बदमाश भाग कैसे गए। कई तो यहां तक कह गए कि खुलासा होने दे, इसमें भी कोई न कोई नेता ही सेंटर में सामने आएगा। बिना नेता की मिलीभगत इतनी सफाई वारदात हो ही नहीं सकती।

अपराध रोकने में पुलिस और सरकार से ज्यादा रोल आम लोगों का है। जब तक हम अपनी सोच नहीं बदलेंगे तब तक अपराध नहीं रुकने वाला।

भविष्य शर्मा

युवाओं को न नौकरी मिल रही न पईसा है कि कउनो बिजिनेस कर लें तो अपराध न करिहें तो का करिहें, यही में सब अपराधी बन रहे हैं।

विकास

जिस देश मां परधानमंत्री की हत्या होय गई है उहां आम आदमी का बिसात। गुंडन बदमासन के आगे कउन है। कोई नियम कानून है ई देश में।

अनिल चौधरी

Posted By: Inextlive