छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय सीएसजेएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. सर्वज्ञ सिंह कटियार की सोमवार देर रात कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई।अस्पताल में उन्हें 20 दिन पहले भर्ती कराया गया था।


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KANPUR : पद्मभूषण से सम्मानित पूर्व कुलपति सर्वज्ञ सिंह कटियार की सोमवार रात रीजेंसी हास्पिटल में मौत हो गई। उन्होंने अकेलेपन और लंबी बीमारी से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खाया था। उनके कमरे से बरामद सुसाइड नोट से इसका पता चला है। उन्होंने सुसाइड नोट में जिदंगी से संतुष्ट होने के साथ धूमधाम से अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। आर्यनगर में डॉ. एसएस कटियार का मकान है। वह मूलरूप से फतेहगढ़ के निवासी है। उनकी पत्नी इवा मैसी की करीब एक साल पहले मौत हो चुकी है। उनके कोई औलाद नहीं थी। इसके चलते वह अकेले रहते थे। उनको कई तरह की बीमारी थी। जिससे वह काफी परेशान रहते थे। भतीजे रितेश ने उनको 18 सितंबर को रीजेंसी हास्पिटल में एडमिट कराया था। उसने शक जताया था कि डॉ. कटियार ने जहरीला पदार्थ खाया था। इसके बाद से उनका रीजेंसी में इलाज चल रहा था। उनको आईसीयू में रखा गया था, लेकिन डॉक्टर उनको बचा नहीं पाए और सोमवार रात उनकी सांस थम गई। उनकी मौत पर शिक्षाविद समेत अन्य लोगों ने दुख जताया है। अकेलेपन से डिप्रेशन में थे डॉ. कटियार


डॉ. कटियार की देखरेख पत्नी इवा मैसी करती थी, लेकिन एक साल पहले उनकी मौत होने के बाद डॉ. कटियार अकेले हो गए थे। वह अकेलेपन से डिप्रेशन में आ गए थे। साथ ही कई तरह की बीमारी से वह टूट गए थे। उन्होंने सुसाइड नोट में इस बारे में लिखा है। मैने सफलतापूर्वक जिंदगी जीने के साथ ही खूब नाम और शोहरत कमाया है। मैने यह घर अपनी लाइफ पार्टनर इवा मैसी के साथ 1990 में बनाया था। अब मै कई तरह बीमारी और अवसाद से जूझ रहा हूं। मेरी तकलीफ अकेलेपन और बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जा रही है। मैने तय किया कि अब मै अपनी जीवन का अंत करूंगा। इसके लिए किसी को भी परेशान न किया जाए। क्योंकि यह मेरा अपना व्यक्तिगत निर्णय है। कोई भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरा अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किया जाए।   तीन बार कुलपति, पद्मभूषण से सम्मानित

डॉ. कटियार को एंजाइमोलॉजी (पाचक रस विज्ञान) में विशेषज्ञता प्राप्त थी। वह तीन बार सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के कुलपति रह चुके थे। उनका कार्यकाल 1994 से 2007 तक रहा था। वह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे। उनको राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मभूषण से सम्मानित किया था। डॉ. कटियार के ही कार्यकाल में ही कई विभागों के विस्तार, भवन निर्माण के साथ ही यूनिवर्सिटी कायाकल्प हुआ था। इसके अलावा डॉ. कटियार लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संस्थापक निदेशक  थे। वह भारतीय विश्वविद्यालयों के एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके थे। चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्याल के भी अध्यक्ष रह चुके है। उन्हें भारत सरकार ने 2003 में पद्मश्री और 2009 में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मभूषण से सम्मानित किया था।

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Posted By: Mukul Kumar